
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में महामाया पहाड़ी की संरक्षित वन भूमि पर करीब 440 लोगों ने अवैध कब्जा कर मकान बना लिया है।
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में महामाया पहाड़ी की संरक्षित वन भूमि पर करीब 440 लोगों ने अवैध कब्जा कर मकान बना लिया है। सोमवार को प्रशासन की टीम ने करीब 40 घरों को तोड़ दिया। कब्जाधारियों में ज्यादातर झारखंड के मुस्लिम समुदाय के लोग हैं। पहाड़ पर 500 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। हालांकि हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार दफ्तर से फोन किए जाने के बाद कार्रवाई रोक दी गई है।
महामाया पहाड़ पर अवैध अतिक्रमण हटाने के दौरान सुबह प्रशासनिक और वन अमले की टीम को जमकर विरोध का सामना करना पड़ा। अतिक्रमणकारियों ने कुछ और समय मांगा, लेकिन प्रशासन ने मना कर दिया। हंगामे के बीच पुलिस ने अतिक्रमणकारियों को हल्का बल प्रयोग कर खदेड़ा।
मामले पर स्टे के लिए हाईकोर्ट बिलासपुर में याचिका लगाई गई है। अर्जेंट हियरिंग की अपील के बाद मामले में सुनवाई का समय दिया गया है। इसके पहले तोड़फोड़ की चल रही कार्रवाई को रोकने के लिए हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार कार्यालय से सरगुजा जिला प्रशासन को मौखिक आदेश दिया गया।
दरअसल, सरगुजा के सिद्ध शक्तिपीठ महामाया मंदिर से लगे पहाड़ को काटकर लंबे समय से अतिक्रमण किया जा रहा है। इसमें कब्जाधारियों के मकान और बाड़ी बने हैं। 2021 में जिला प्रशासन, वन विभाग के संयुक्त अमले के सर्वे में 440 लोगों का अतिक्रमण पाया था।
15 अक्टूबर 2022 को 60 अतिक्रमणकारियों का कब्जा हटाने की कार्रवाई शुरू की थी, लेकिन राजनीतिक दबाव में यह कार्रवाई रुक गई थी। एक्शन से पहले एक बार फिर 3 दिन की मोहलत देकर 17 जनवरी को नोटिस जारी किया गया था, लेकिन कब्जा नहीं हटाया गया, जिसके बाद कार्रवाई की गई है।