
महाशिवरात्रि का पावन पर्व आज है. शिव भक्तों के लिए महाशिवरात्रि एक बड़ा दिन है. महाशिवरात्रि के अवसर पर व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करते हैं. इस साल की महाशिवरात्रि समस्त विश्व के लिए कल्याणकारी है. महाशिवरात्रि को जलाभिषेक करने का विशेष महत्व है, इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. आज की महाशिवरात्रि पर श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र है. शिव पूजा करने से व्यक्ति के रोग, दोष, कष्ट आदि मिटते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं. महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ट्रस्ट के ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय से जानते हैं महाशिवरात्रि की पूजा विधि, पूजन सामग्री, मुहूर्त, मंत्र और जलाभिषेक समय के बारे में.
महाशिवरात्रि 2025 शुभ मुहूर्त और पारण
फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि का शुभारंभ: आज, सुबह 09:17 बजे से
फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि का समापन: कल, सुबह 8 बजे तक
श्रवण नक्षत्र: शाम 04:10 तक, उसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र
निशिता मुहूर्त: 12:09 ए एम से 12:59 ए एम तक
महाशिवरात्रि व्रत का पारण: कल, सुबह 8 बजे से पूर्व
महाशिवरात्रि 2025 जलाभिषेक समय
इस साल महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक का समय 09:17 बजे से है क्योंकि इससे पूर्व त्रयोदशी तिथि होगी. सुबह 09:17 बजे से पूरे दिन जलाभिषेक कर सकते हैं.
महाशिवरात्रि पूजा सामग्री 2025
1. भगवान शिव की तस्वीर या फिर शिवलिंग
2. बेलपत्र, धतूरा, भांग, शमी के पत्ते,
3. फूलों की माला, मदार के फूल, बेर, मौसमी फल
4. गाय का दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, गंगाजल
5. रक्षासूत्र, जनेऊ, वस्त्र, सफेद चंदन, अक्षत्, अभ्रक
6. केसर, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, कपूर, धूप, दीप
7. माता पार्वती के लिए श्रृंगार सामग्री,
8. हवन सामग्री, कुश का आसन,
9. शिव चालीसा, शिव जी आरती और महाशिवरात्रि व्रत कथा की पुस्तक.