
बिलासपुर और कोरबा में बच्चों पर ज्यादा असर, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर
छत्तीसगढ़ में दो अलग-अलग शादी समारोहों में परोसे गए खाने के बाद एक ही दिन में कुल 96 लोग फूड पॉइजनिंग के शिकार हो गए। इनमें 69 बच्चे शामिल हैं, जबकि पांच की हालत गंभीर बताई जा रही है। सभी पीड़ितों का इलाज बिलासपुर और कोरबा के अस्पतालों में जारी है।
बिलासपुर। जिले के कोनी थाना क्षेत्र के तुर्काडीह गांव में आयोजित एक विवाह समारोह बीमारियों का केंद्र बन गया। रामाधार सांडे के घर आयोजित विवाह कार्यक्रम में मेहमानों को परोसे गए भोजन—आलू-लौकी और भिंडी की सब्जी—खाने के बाद 45 लोग फूड पॉइजनिंग का शिकार हो गए। इनमें 26 बच्चे शामिल हैं। दो की हालत गंभीर होने पर उन्हें ICU में भर्ती किया गया है।
शुरुआती लक्षण गुरुवार शाम 7 बजे दिखे जब कई मेहमान उल्टी-दस्त की शिकायत के साथ सिम्स अस्पताल पहुंचे। रात होते-होते और भी लोग इसी लक्षण के साथ अस्पताल पहुंचने लगे। अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत एक्शन लेते हुए इलाज शुरू कर दिया।
स्वास्थ्य विभाग का अलर्ट
सीएमएचओ डॉ. प्रमोद तिवारी ने स्वास्थ्य टीम को गांव भेजा और आयोजनों में साफ-सफाई और खाने की गुणवत्ता पर सख्ती से ध्यान देने के निर्देश दिए। सिम्स डीन डॉ. रमणेश मूर्ति ने बताया कि सभी मरीजों का इलाज चल रहा है और हालत नियंत्रण में है।
कोरबा की घटना और भी चिंताजनक
कोरबा के भेसमा गांव के पहाड़ी पारा में भी एक विवाह समारोह में मेहमानों को पॉलिथीन में पैक बूंदी दी गई थी। इसे खाने के बाद 51 लोग बीमार हो गए, जिनमें 43 बच्चे और 6 बुजुर्ग शामिल हैं। तीन बच्चों की हालत बेहद गंभीर थी, लेकिन समय रहते उपचार से स्थिति अब नियंत्रण में है।
रात 12 बजे से मरीजों में उल्टी-दस्त की शिकायत शुरू हुई। सभी को 108 एंबुलेंस के जरिये मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया गया। डीन डॉ. कमल किशोर सहारे ने बताया कि लगातार मरीज पहुंचते रहे और विशेष मेडिकल टीम द्वारा तुरंत इलाज शुरू किया गया।दोनों घटनाओं के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। खराब और अस्वच्छ भोजन के कारण इतने लोगों की तबीयत बिगड़ना एक बड़ी चेतावनी है। विशेषज्ञों ने आयोजकों को हिदायत दी है कि वे सार्वजनिक आयोजनों में स्वच्छता और खाने की गुणवत्ता को प्राथमिकता दें।