
हाईकोर्ट ने कहा- जनता हो रही है परेशान, व्यवस्था में सुधार जरूरी; दिवाली के बाद चलेंगी 240 इलेक्ट्रिक बसें
छत्तीसगढ़ में शहरी सार्वजनिक परिवहन की बदहाल स्थिति पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने बिलासपुर जैसे बड़े शहर में केवल 5 सिटी बसों के संचालन को अपर्याप्त बताया और व्यवस्था में जल्द सुधार लाने के निर्देश दिए। हालांकि, सरकार ने ई-बसों की योजना से सुधार की उम्मीद जताई है, जो दीपावली के बाद शुरू होने की संभावना है।
रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शहरी परिवहन व्यवस्था की अव्यवस्था पर स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई के दौरान राज्य शासन द्वारा प्रस्तुत जानकारी से कोर्ट असंतुष्ट नजर आया।
शासन की ओर से बताया गया कि बिलासपुर में 9 सिटी बसें उपलब्ध थीं, जिनमें से वर्तमान में केवल 5 बसें ही परिचालन में हैं। बाकी बसें मरम्मत के लिए खड़ी हैं। हाईकोर्ट ने इस स्थिति पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि शहर की बड़ी आबादी को आवाजाही में भारी असुविधा हो रही है और फिर भी सार्वजनिक परिवहन की हालत सुधर नहीं रही।
कोविड और जर्जर बसें बनीं कारण
सरकार के शपथपत्र में बताया गया कि वर्ष 2020-21 के दौरान कोविड महामारी और लॉकडाउन के कारण अधिकांश सिटी बसों का संचालन बंद करना पड़ा। इससे कई बसें खस्ताहाल हो गईं और अब वे मरम्मत लायक भी नहीं हैं। अधिकांश बसें 2014-15 में शुरू की गई थीं, जो अब लगभग एक दशक पुरानी हो चुकी हैं।
कोर्ट ने कहा- जवाब असंतोषजनक
कोर्ट ने सरकार के स्पष्टीकरण को अपर्याप्त बताया और सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि सुधारात्मक कदमों में तेजी लाई जाए। मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को निर्धारित की गई है।
ई-बसों से राहत की उम्मीद
राज्य सरकार ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर और कोरबा शहरों के लिए कुल 140 इलेक्ट्रिक बसें स्वीकृत की गई हैं। रायपुर के लिए अलग से 100 मिडी ई-बसों को मंजूरी दी गई है। इस प्रकार कुल 240 ई-बसों के संचालन की योजना है।
14 मार्च 2024 को देशभर के लिए एकीकृत टेंडर जारी किया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ को 67.40 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत हुई है। इसमें से 36.62 करोड़ रुपये बस डिपो और बिजली अवसंरचना के निर्माण हेतु हैं, जो फिलहाल निर्माणाधीन हैं। संभावना जताई गई है कि दिवाली के बाद शहरों में ई-बसों का परिचालन शुरू हो सकता है, जिससे आमजन को राहत मिलेगी और सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को नया जीवन मिलेगा।