
सिग्नल से खुला इतिहास का पर्दा, पहली यात्रा में दो टुकड़ों में बंटा जहाज, मालिक का परिवार भी नहीं बच सका
वॉशिंगटन। टाइटैनिक की कहानी भले ही पूरी दुनिया जानती है, लेकिन उससे 20 साल पहले एक और समुद्री हादसा इतिहास में दर्ज हो गया था—जिसकी दास्तान अब 132 साल बाद सामने आई है। अमेरिका-कनाडा की सीमा पर मौजूद ग्रेट लेक्स की गहराई में छुपा ‘वेस्टर्न रिजर्व’ जहाज, एक तकनीकी चमत्कार माना जाता था, जो अपनी पहली ही यात्रा में तूफान की भेंट चढ़ गया।
1892 में बने इस पहले ऑल-स्टील कार्गो जहाज को सुरक्षित और स्पीड रिकॉर्ड ब्रेकर बताया गया था। लेकिन 30 सितंबर को मिशिगन और कनाडा के बीच लेक सुपीरियर के व्हाइटफिश बे में घुसे इस जहाज को ऐसा तूफान मिला कि वह दो टुकड़ों में टूट गया। जहाज के मालिक पीटर मिंच अपनी पत्नी और बच्चों के साथ उसी यात्रा पर थे। हादसे में 27 लोगों की मौत हो गई, केवल एक यात्री हैरी डब्ल्यू. स्टीवर्ट ही जिंदा बच पाया, जो 1.6 किमी तैरकर किनारे तक पहुंचा।
ग्रेट लेक्स शिपरैक हिस्टोरिकल सोसाइटी के खोजकर्ताओं ने पिछले साल जुलाई में इस जहाज का 600 फीट गहराई में साइड-स्कैन सोनार तकनीक से पता लगाया। इसकी औपचारिक घोषणा हाल ही में विस्कॉन्सिन के ‘घोस्ट शिप्स फेस्टिवल’ में की गई। सोसाइटी के डायरेक्टर ब्रूस लिन के मुताबिक, “यह खोज ऐतिहासिक है क्योंकि यह उस दौर का टेक्नोलॉजिकल वंडर था, जब अधिकतर जहाज लकड़ी के बनते थे।” खोजकर्ता डैरिल और डैन एर्टेल ने बताया कि ठंडे, मीठे पानी की वजह से जहाज का मलबा आज भी काफी हद तक संरक्षित अवस्था में है।
झीलों का इतिहास भी कम रहस्यमयी नहीं है। 1700 के दशक से अब तक हजारों जहाजों की कब्रगाह बन चुकी ग्रेट लेक्स अपने खतरनाक तूफानों के लिए कुख्यात हैं। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, झीलों पर बनने वाले तूफान महासागर से भी ज्यादा घातक साबित हो सकते हैं।