
मुजफ्फरनगर। प्रेम के नाम पर पति की हत्या की साजिश रचने वाली महिलाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मेरठ की मुस्कान और औरैया की ‘कातिल दुल्हन’ प्रगति के मामले के बाद अब मुजफ्फरनगर की पिंकी शर्मा ने अपने पति को जहर देकर मारने की कोशिश की है। पति अनुज शर्मा फिलहाल अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं, जबकि पुलिस ने पिंकी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
क्या है पूरा मामला?
मुजफ्फरनगर के खतौली क्षेत्र के गांव भायँगी निवासी 26 वर्षीय अनुज शर्मा की शादी दो साल पहले गाजियाबाद की पिंकी शर्मा (उर्फ सन्नो) से हुई थी। अनुज मेरठ के एक अस्पताल में काम करता था। शादी के कुछ ही महीनों बाद दोनों के बीच तनाव शुरू हो गया। अनुज को शक था कि पिंकी किसी और से संबंध रखती है।
प्रेमी से बातचीत पकड़ी गई, फिर शुरू हुई जानलेवा साजिश
अनुज की बहन मीनाक्षी के मुताबिक, जब वह नौकरी पर जाता, तो पिंकी घंटों अपने प्रेमी से फोन पर बातें करती। हालात इतने बिगड़े कि पिंकी ने अनुज के खिलाफ मारपीट का केस भी दर्ज करा दिया। पुलिस ने दोनों की काउंसलिंग कराई, लेकिन मामला शांत नहीं हुआ।
25 मार्च को अनुज ने पिंकी का मोबाइल चेक किया, जहां उसने अपने एक रिश्तेदार (प्रेमी) के साथ अंतरंग फोटो और मैसेज देखे। इसके बाद पिंकी ने अनुज को कॉफी में जहर दे दिया। कॉफी पीते ही उसकी हालत बिगड़ गई और उसे मेरठ के अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने उसे आईसीयू में रखा है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
पुलिस ने दर्ज किया मामला, जांच जारी
खतौली के सीओ रामाशीष यादव ने बताया कि अनुज के परिजनों की शिकायत पर पिंकी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। जहर देने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया जा सकता है।
मेरठ और औरैया में भी हुई थी ऐसी ही घटनाएं
मेरठ कांड: मुस्कान ने अपने पति सौरभ की हत्या प्रेमी साहिल के साथ मिलकर की थी। उसने सौरभ को चाकू से मारकर शव के टुकड़े किए और सीमेंट से भरे ड्रम में छिपा दिया।
औरैया कांड: प्रगति ने शादी के 15 दिन बाद ही अपने प्रेमी अनुराग के साथ मिलकर पति दिलीप को जहर देकर मार डाला।
क्यों बढ़ रहे हैं ऐसे मामले?
यूपी में लगातार सामने आ रहे इन मामलों से शादीशुदा रिश्तों में बढ़ते विश्वासघात और अपराधिक मानसिकता पर सवाल उठ रहे हैं। क्या यह सिर्फ “प्रेम” का उन्माद है या फिर समाज में बढ़ रही नैतिक असंवेदनशीलता? पुलिस और समाजशास्त्रियों के लिए यह चिंता का विषय बनता जा रहा है।
अब सवाल यह है: क्या ऐसे मामलों में सख्त कानूनी कार्रवाई और सामाजिक जागरूकता से इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सकती है?