
- डॉक्टरों ने बिना देरी किए हार्ट की 100% ब्लॉकेज नस में की एंजियोप्लास्टी, महिला ICU में स्वस्थ
- गंभीर हृदयाघात के बावजूद डॉक्टरों की तत्परता से बचाई दो जानें
- अस्पताल पहुंचने के एक घंटे के भीतर किया गया जीवन रक्षक ऑपरेशन
- मां की जान तो बची ही, गर्भस्थ शिशु भी पूरी तरह सुरक्षित
- डॉक्टर स्मित श्रीवास्तव की टीम ने दिखाई तत्परता, वक्त रहते लिए गए फैसलों से मिली नई जिंदगी
रायपुर . रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में एक गर्भवती महिला की जान उस वक्त बचाई गई जब आधी रात हार्ट अटैक की स्थिति में उसे अस्पताल लाया गया। महिला के दिल की मुख्य नस पूरी तरह से ब्लॉक हो चुकी थी, लेकिन डॉक्टरों की तत्परता और सूझबूझ से न केवल महिला बल्कि उसके गर्भ में पल रहे शिशु की भी जान बचाई गई।
एक नाजुक क्षण में लिए गए सही निर्णय ने दो जिंदगियों को नया जीवन दिया। मेकाहारा के कार्डियक इंस्टीट्यूट में देर रात पहुंची चार महीने की गर्भवती महिला की दिल की नस 100 प्रतिशत ब्लॉक थी। डॉक्टरों ने तुरंत एंजियोप्लास्टी कर उसकी व अजन्मे बच्चे की जान बचा ली।
रायपुर में डाक्टरों की सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई से एक गंभीर स्थिति में पहुंची गर्भवती महिला और उसके शिशु को नया जीवन मिला। आधी रात हुई एंजियोप्लास्टी ने साबित किया कि समय पर चिकित्सा हस्तक्षेप कितना महत्वपूर्ण होता है।