
अशोक अग्रवाल और बंसी अग्रवाल की फैक्ट्रियों से मिली फाइलों में करोड़ों की अवैध कमाई के सुराग; ईमेल और चैट से जुड़ रहे घोटाले के तार
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में सोमवार को हुई ACB-EOW की बड़े स्तर पर छापेमारी के बाद जांच एजेंसियों को कई अहम दस्तावेज मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक, भिलाई-दुर्ग में हुई कार्रवाई के दौरान बरामद कुछ फाइलें, डिजिटल डिवाइस और अकाउंट स्टेटमेंट से अवैध फंड ट्रांसफर और राजनीतिक संरक्षण के संकेत मिले हैं।
रायपुर। अशोक अग्रवाल की फैक्ट्री से जब्त फाइलों में कई ऐसे रिकॉर्ड मिले हैं जिनमें नगद और चेक के माध्यम से की गई संदिग्ध लेन-देन दर्ज हैं। वहीं, बंसी अग्रवाल की GI वायर फैक्ट्री से मिले दस्तावेजों में ‘गोपनीय’ नाम से फाइलें मिली हैं, जिनमें अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच की बातचीत का ब्यौरा है।
ईओडब्ल्यू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हमने कुछ डिजिटल सबूत भी जब्त किए हैं जिनमें मोबाइल चैट्स और ईमेल के जरिए अधिकारियों से संपर्क और सांठगांठ के संकेत मिले हैं। इन पर फॉरेंसिक जांच जारी है।”
महासमुंद और बसना में भी कारोबारियों से जुड़ी संपत्तियों के दस्तावेजों में भूमि सौदों और कंपनियों में निवेश के पुख्ता प्रमाण मिले हैं।
जांच एजेंसियां अब इन दस्तावेजों के आधार पर अगले चरण में पूछताछ और नोटिस भेजने की तैयारी कर रही हैं। अगले 48 घंटे में 5 से ज्यादा लोगों को नोटिस भेजे जाने की संभावना है।
वहीं, पूर्व मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ भी दबाव बढ़ता जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, ईओडब्ल्यू जल्द ही उनसे पूछताछ के लिए समन भेज सकती है।
संभावित अगला कदम:
- दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच
- बैंकों से लेन-देन का विवरण
- डिजिटल डेटा की रिकवरी
- संबंधित व्यक्तियों की पूछताछ