
शुभमन गिल को सौंपी गई कप्तानी की जिम्मेदारी, संजय मांजरेकर बोले- यह सिर्फ निवेश की शुरुआत है, नतीजों की उम्मीद मत कीजिए
भारतीय क्रिकेट टीम 20 जून से शुरू हो रही इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ के लिए तैयार है, लेकिन इस बार माहौल कुछ अलग है। विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गजों की गैरमौजूदगी में शुभमन गिल के नेतृत्व में एक युवा टीम को मैदान में उतारा गया है। विशेषज्ञों और पूर्व खिलाड़ियों का मानना है कि यह टीम ट्रांज़िशन के दौर से गुजर रही है, और इससे तुरंत किसी चमत्कारी प्रदर्शन की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए।
खेल (डेस्क)। भारतीय क्रिकेट टीम एक बार फिर इंग्लैंड की धरती पर पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलने जा रही है, लेकिन इस बार यह दौरा पिछले कई वर्षों से बिल्कुल अलग नजर आ रहा है। टीम में न विराट कोहली हैं, न रोहित शर्मा। दोनों दिग्गजों ने टेस्ट क्रिकेट से विदाई ले ली है, जिससे एक नई और युवा टीम को जिम्मेदारी दी गई है।
बीसीसीआई ने 18 सदस्यीय दल की घोषणा की है, जिसमें शुभमन गिल को कप्तान और ऋषभ पंत को उपकप्तान बनाया गया है। टीम में यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, करुण नायर और नीतीश रेड्डी जैसे युवा चेहरों को शामिल किया गया है। हालांकि, इस चयन को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं। पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने इसे “अजीब चयन” करार देते हुए कहा कि यह टीम सिर्फ निवेश के उद्देश्य से उतारी गई है, न कि जीत की उम्मीद के साथ।
कोहली और रोहित की अनुपस्थिति न केवल अनुभव की कमी लाती है, बल्कि फैंस के आत्मविश्वास को भी झटका देती है। मांजरेकर के अनुसार, इंग्लैंड दौरा अब परिणाम से ज़्यादा धैर्य की परीक्षा बन गया है।
टीम के इस परिवर्तन को देख कई क्रिकेट प्रेमियों का मानना है कि यह टीम ज्यादा समय तक टिकेगी या नहीं, इसका फैसला आने वाले कुछ सालों में होगा। यदि यह प्रयोग विफल हुआ, तो सवाल उठना लाज़मी है कि क्या कोहली और रोहित को इतनी जल्दी रिटायर होने देना सही था?
यह सीरीज़ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025-27 का पहला चरण है, ऐसे में भारत की हार भविष्य की संभावनाओं को भी प्रभावित कर सकती है। शुभमन ब्रिगेड पर अब सिर्फ इंग्लैंड में अच्छा प्रदर्शन करने का नहीं, बल्कि भारतीय टेस्ट क्रिकेट की नई दिशा तय करने का भी दायित्व होगा।