
शहीद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को मिली एक बार फिर इंटरनेशनल मैचों की मेजबानी, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में खेले जाएंगे वनडे और टी-20 मुकाबले
छत्तीसगढ़ के क्रिकेट प्रेमियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। रायपुर का शहीद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम एक बार फिर दो बड़े अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों की मेजबानी करेगा। भारत, दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड की टीमें क्रमशः दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में रायपुर में आमने-सामने होंगी।
रायपुर। भारत और विश्व क्रिकेट के लिए रायपुर एक बार फिर बड़ा मंच बनने जा रहा है। BCCI ने रायपुर के शहीद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को दो अहम मुकाबलों की मेजबानी के लिए चुना है।
3 दिसंबर 2025 को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच वनडे मुकाबला खेला जाएगा, वहीं 23 जनवरी 2026 को भारत और न्यूजीलैंड की टीमें टी-20 मुकाबले में आमने-सामने होंगी। यह जानकारी BCCI के उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने रायपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ प्रीमियर लीग (CCPL) सीजन-2 के समापन समारोह में दी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में क्रिकेट तेजी से आगे बढ़ रहा है और भविष्य में और भी बड़े मुकाबलों की संभावना है। CCPL के फाइनल में बारिश के कारण रायपुर राइनोस और राजनांदगांव पैंथर्स को संयुक्त विजेता घोषित किया गया।
भारत-न्यूजीलैंड सीरीज का हिस्सा होगा रायपुर टी-20
जनवरी 2026 में न्यूजीलैंड की टीम भारत दौरे पर आ रही है। वह तीन वनडे और पांच टी-20 मुकाबले खेलेगी। इन मैचों में से एक टी-20 मैच रायपुर में 23 जनवरी को आयोजित होगा।
दिसंबर में वनडे में होगी भारत-साउथ अफ्रीका की टक्कर
दिसंबर 2025 में दक्षिण अफ्रीका टीम भारत दौरे पर आएगी। दौरे के दौरान दो टेस्ट, तीन वनडे और पांच टी-20 मैच खेले जाएंगे। इसी कड़ी में 3 दिसंबर को रायपुर में एक वनडे मुकाबला खेला जाएगा। यह स्टेडियम इससे पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट आयोजनों की मेजबानी कर चुका है, जिसमें IPL, रणजी ट्रॉफी, मुश्ताक अली ट्रॉफी, रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज और इंडिया मास्टर्स लीग जैसे टूर्नामेंट शामिल हैं।
स्टेडियम की खासियत
रायपुर का यह स्टेडियम दर्शक क्षमता के लिहाज़ से भारत का तीसरा सबसे बड़ा स्टेडियम है। यहां 65,000 दर्शकों के बैठने की व्यवस्था है। इससे ऊपर केवल नरेंद्र मोदी स्टेडियम (1.10 लाख) और ईडन गार्डन (68 हजार) हैं। स्टेडियम का नाम 1857 की क्रांति के वीर सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने छत्तीसगढ़ में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध आज़ादी की लड़ाई का नेतृत्व किया था।