
लीड्स टेस्ट में राहुल और यशस्वी की धैर्यपूर्ण बल्लेबाज़ी से प्रभावित संजय मांजरेकर, ऑफ-स्टंप गेंदों को लेकर की गई टिप्पणी को कोहली पर परोक्ष कटाक्ष माना जा रहा है।
भारत और इंग्लैंड के बीच लीड्स टेस्ट में जहां एक ओर शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल की शानदार पारियां सुर्खियां बटोर रही हैं, वहीं कॉमेंट्री बॉक्स से आई एक टिप्पणी ने भी चर्चा छेड़ दी है। पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने राहुल और यशस्वी की बल्लेबाज़ी की तारीफ करते हुए ऐसा बयान दिया, जिसे क्रिकेट प्रेमी विराट कोहली पर तंज मान रहे हैं।
खेल (डेस्क)। भारत ने लीड्स टेस्ट के पहले दिन शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए इंग्लैंड पर दबाव बना दिया। शुभमन गिल (127*) और यशस्वी जायसवाल (101) की बेहतरीन पारियों की बदौलत टीम इंडिया ने पहले दिन का खेल खत्म होने तक 3 विकेट पर 359 रन बना लिए। वहीं ऋषभ पंत भी 65 रन बनाकर नाबाद हैं।
इस बेहतरीन प्रदर्शन की शुरुआत यशस्वी और केएल राहुल ने की, जिन्होंने पहले विकेट के लिए 91 रनों की साझेदारी की। राहुल ने 42 रन बनाकर नई गेंद की धार को कुंद कर दिया और यशस्वी को सेट होने का मौका दिया।
इस मैच के दौरान पूर्व क्रिकेटर और कॉमेंटेटर संजय मांजरेकर ने यशस्वी और राहुल की बल्लेबाज़ी तकनीक की जमकर तारीफ की। खास तौर पर उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि दोनों बल्लेबाज़ों ने ऑफ-स्टंप से बाहर जाती गेंदों को खेलने से परहेज़ किया। मांजरेकर ने टिप्पणी की, “पहले कुछ बल्लेबाज़ ऐसी गेंदों पर शॉट खेलने की कोशिश करते थे और परेशानी में पड़ जाते थे, लेकिन ये दोनों ऐसा नहीं करते। इसलिए मुझमें इनके लिए भरोसा है।”
क्रिकेट जानकारों और फैंस का मानना है कि मांजरेकर की यह टिप्पणी दरअसल विराट कोहली की ओर इशारा थी, जो अपने करियर में अक्सर ऑफ-स्टंप के बाहर जाती गेंदों पर आउट होते रहे हैं। खासकर टेस्ट क्रिकेट में यह कोहली की प्रमुख कमजोरी मानी जाती रही है। कोहली ने हाल ही में, 12 मई को, टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी।
इस बयान ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या मांजरेकर ने तारीफ की आड़ में विराट कोहली की तकनीकी खामियों की ओर ध्यान दिलाने की कोशिश की? यह पहली बार नहीं है जब मांजरेकर की किसी टिप्पणी ने विवाद खड़ा किया हो। लीड्स टेस्ट के पहले दिन का प्रदर्शन भारतीय बल्लेबाज़ी क्रम के लिए उत्साहवर्धक रहा, लेकिन कॉमेंट्री बॉक्स से आई यह टिप्पणी क्रिकेट जगत में बहस की नई चिंगारी भी छोड़ गई है।