
रथ यात्रा में शामिल 17 हाथियों के जत्थे में सबसे आगे चल रहा था हाथी; वन विभाग ने तीन हाथियों को यात्रा से हटाया, सुरक्षा के मद्देनज़र उठाया गया कदम
अहमदाबाद की ऐतिहासिक जगन्नाथ रथयात्रा के दौरान शुक्रवार सुबह एक हाथी के बेकाबू हो जाने से कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया। हाथी 17 सदस्यीय दल में सबसे आगे था। स्थिति को समय रहते काबू में लाया गया और तीन हाथियों को रथ यात्रा से हटा दिया गया।
अहमदाबाद । अहमदाबाद में शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान एक अप्रत्याशित घटना सामने आई, जब हाथियों के दल में शामिल एक नर हाथी अचानक बेकाबू हो गया। घटना सुबह करीब 10 बजे की है, जब यात्रा अपने पूरे जोश में थी और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ सड़कों पर उमड़ी थी।
इस हाथी के बेकाबू होने से रथयात्रा में कुछ देर के लिए भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। सुरक्षा कर्मियों और वन विभाग की टीम ने तत्परता दिखाते हुए हालात को जल्द ही नियंत्रण में ले लिया। बेकाबू हाथी, 17 हाथियों के समूह में सबसे आगे चल रहा था।
घटना के बाद सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए वन विभाग ने तीन हाथियों — दो मादा और एक नर — को यात्रा से अलग कर दिया है। अब यात्रा में शेष 14 हाथी ही शामिल रहेंगे। यह रथ यात्रा जमालपुर स्थित जगन्नाथ मंदिर से आरंभ होकर दिन भर शहर में भ्रमण कर रात 8:30 बजे मंदिर लौटेगी।
इससे पहले, सुबह 4 बजे मंदिर में मंगला आरती की गई, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अपने परिवार सहित शामिल हुए। भगवान को खिचड़ी का भोग लगाया गया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ‘पाहिंड विधि’ कर रथ यात्रा की शुरुआत की। सुबह 7 बजे यात्रा का विधिवत शुभारंभ हुआ।
दूसरी ओर, ओडिशा के पुरी में भी भव्य रथ यात्रा का आयोजन हुआ। यहां सुबह 6 बजे मंगला आरती के बाद भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की रथ यात्रा की तैयारियाँ शुरू हुईं। दोपहर 3 बजे पुरी के गजपति महाराज दिव्य सिंह देव ने सोने की झाड़ू से रथ के आगे बुहारा लगाकर यात्रा को हरी झंडी दी। इस दौरान भगवान अपने भाई-बहन के साथ गुंडिचा मंदिर के लिए प्रस्थान करेंगे। उदयपुर में भी रथ यात्रा का आयोजन खास रहा, जहां भगवान 80 किलो चांदी से बने रथ में सवार होकर भक्तों को दर्शन देंगे।