
बिहार वोटर वेरिफिकेशन मुद्दे पर कांग्रेस ने रखी नई शर्त, रिजिजू बोले- विपक्ष अपने वादे से पीछे हटा; रक्षा मंत्री को करनी थी बहस की शुरुआत
संसद के मानसून सत्र के छठे दिन विपक्ष के हंगामे के चलते ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू नहीं हो सकी। कांग्रेस ने अचानक बिहार में वोटर वेरिफिकेशन से जुड़े मुद्दे को उठाकर बहस की नई शर्त रख दी, जिससे सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी। सरकार ने विपक्ष पर सहमति से पीछे हटने का आरोप लगाया है।
नई दिल्ली, 28 जुलाई (ए)। संसद के मानसून सत्र में सोमवार को लोकसभा में बहुप्रतीक्षित ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा नहीं हो सकी। विपक्ष द्वारा बिहार में वोटर वेरिफिकेशन से जुड़े स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) मुद्दे पर जोरदार हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी।
इस बहस के लिए पहले से निर्धारित 16 घंटे का समय तय किया गया था, लेकिन चर्चा शुरू होने से ठीक पहले विपक्ष ने शर्त रख दी कि सरकार पहले यह आश्वासन दे कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद बिहार के वोटर वेरिफिकेशन पर बहस होगी।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष की इस मांग को ‘राजनीतिक धोखा’ करार देते हुए कहा, “जब सभी ने तय किया कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होगी, तब ऐन मौके पर शर्तें रखना संसद की गरिमा के खिलाफ है। यह दिखाता है कि विपक्ष अपने वादे से पलट गया है।”
सरकार की ओर से इस चर्चा की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को करनी थी, जबकि गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर भी विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस दौरान सदन में मौजूद थे।
सरकार का कहना है कि विपक्ष चर्चा से भाग रहा है, जबकि विपक्ष का आरोप है कि सरकार संवेदनशील मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है। इस टकराव के चलते अब तक ऑपरेशन सिंदूर पर सार्थक चर्चा की शुरुआत नहीं हो सकी है।