
कवर्धा में हेलीकॉप्टर से बरसाए फूल, अमरकंटक में कांवड़ यात्रियों के लिए रेस्ट हाउस बनाने की योजना; राजिम, दुर्ग और पेंड्रा में भी आस्था की लहर
सावन के तीसरे सोमवार को छत्तीसगढ़ में शिवभक्ति और कांवड़ यात्रा का उल्लास चरम पर रहा। कवर्धा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने हेलीकॉप्टर से कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। वहीं, अमरकंटक में कांवड़ यात्रियों के लिए स्थायी रेस्ट हाउस बनाने की घोषणा भी की गई। पूरे प्रदेश में भक्ति भाव और हर-हर महादेव के जयकारों से माहौल शिवमय रहा।
कवर्धा। सावन के तीसरे सोमवार को छत्तीसगढ़ में शिवभक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने हेलीकॉप्टर से कवर्धा में कांवड़ियों पर फूलों की बारिश कर स्वागत किया। उनके साथ अरुण साव और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह भी मौजूद रहे। “हर-हर महादेव” के जयघोष के साथ जैसे ही हेलीकॉप्टर ने ऊंचाई से पुष्पवर्षा की, पूरा वातावरण भक्ति से भर उठा।
सीएम साय ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि 146 करोड़ रुपये की लागत से भोरमदेव कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के अमरकंटक में छत्तीसगढ़ के कांवड़ियों के लिए विशेष रेस्ट हाउस बनाने के लिए भी राज्य सरकार प्रयास कर रही है। यदि एमपी सरकार भूमि देती है तो वहां श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था की जाएगी।
भोरमदेव मंदिर के पास पहुंचने वाले भक्त लगभग 100 किलोमीटर की पैदल यात्रा पूरी कर शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। यहां उनके स्वागत की विशेष तैयारी की गई थी।
🔸 राजिम में पंचकोशी यात्रा की शुरुआत
सावन सोमवार को छत्तीसगढ़ के प्रयागराज कहे जाने वाले राजिम के त्रिवेणी संगम में स्थित कुलेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया। मान्यता है कि माता सीता ने वनवास के दौरान इस शिवलिंग की स्थापना की थी। पूर्व विधायक धनेंद्र साहू ने अभिषेक के साथ पंचकोशी यात्रा का शुभारंभ किया।
🔸 दुर्ग में 33 किमी की कांवड़ यात्रा
दुर्ग जिले में शिवनाथ नदी से जल भरकर भक्तों ने 33 किलोमीटर की पदयात्रा कर देवबलोदा स्थित प्राचीन शिव मंदिर में जल अर्पित किया। यात्रा में भगवा गमछे और केसरिया वस्त्र पहने श्रद्धालुओं ने “हर-हर भोले” के जयकारों के साथ वातावरण को भक्तिमय कर दिया। रास्ते में सामाजिक संस्थाओं और नागरिकों ने यात्रियों का पुष्पवर्षा व जलपान से स्वागत किया।
🔸 पेंड्रा में श्रद्धा और संकल्प की यात्रा
पेंड्रा और अमरकंटक की सीमा पर स्थित ज्वालेश्वर महादेव मंदिर तक कांवड़ यात्रा में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए। भक्तों ने नर्मदा उदगम से जल भरकर 8 किलोमीटर की पदयात्रा की और स्वयंभू शिवलिंग पर जलाभिषेक किया। यात्रा मार्ग में कांवड़ियों की आरती और पूजा-अर्चना की गई।