
- फर्जी CBI अधिकारी बनकर व्हाट्सएप वीडियो कॉल से महिला को बनाया बंधक
- 40 से अधिक फर्जी कंपनियों का नेटवर्क, खातों में ट्रांसफर करते थे ठगी की रकम
- रायपुर पुलिस ने ऑपरेशन ‘साइबर शील्ड’ के तहत 43 लाख की राशि होल्ड करवाई
रायपुर की महिला से साइबर ठगों ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर 2.83 करोड़ रुपये की बड़ी ठगी को अंजाम दिया। खुद को साइबर एजेंसी का अधिकारी बताकर व्हाट्सएप वीडियो कॉल से डराने और धमकाने वाले इन आरोपियों को रायपुर पुलिस ने ऑपरेशन ‘साइबर शील्ड’ के तहत उत्तर प्रदेश से धर दबोचा। गिरोह ने देशभर में ठगी के लिए 40 से अधिक फर्जी कंपनियां बनाई थीं।
रायपुर। व्हाट्सएप कॉल पर ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर महिला से करोड़ों की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय साइबर गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। रायपुर पुलिस ने ऑपरेशन ‘साइबर शील्ड’ के तहत उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, लखनऊ और देवरिया में दबिश देकर पांच शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है।
विधानसभा थाना क्षेत्र की रहने वाली सोनिया हंसपाल ने शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ लोगों ने खुद को दिल्ली साइबर विंग का अधिकारी बताकर उसे गंभीर मामलों में फंसाने की धमकी दी और व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा। इस दौरान 21 मई से 10 जुलाई तक आरोपी महिला से किस्तों में कुल 2.83 करोड़ रुपये ऐंठते रहे।
जांच के दौरान खुलासा हुआ कि ठगों ने 40 से ज्यादा फर्जी कंपनियां बनाई थीं, जिनमें श्री नारायणी इंफ्रा, अर्बन एज इंफ्रा, पावन धरा बिल्डकॉन जैसी नाम शामिल हैं। इन कंपनियों का इस्तेमाल ठगी की रकम को वैध रूप में ट्रांसफर करने में किया जाता था।
पकड़े गए आरोपियों में गोरखपुर का आकाश साहू और शेर बहादुर सिंह पीड़ितों को वीडियो कॉल कर धमकाते थे, वहीं लखनऊ के अनूप मिश्रा, नवीन मिश्रा और देवरिया निवासी आनंद सिंह ने कंपनियां बनाकर बैंकिंग नेटवर्क खड़ा किया था। पुलिस ने अब तक 43 लाख रुपये होल्ड कर लिए हैं और ठगों के पास से कॉल कन्वर्टर डिवाइसेज़, मोबाइल, चेक बुक और 100 से अधिक सिम कार्ड जब्त किए हैं। अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है। साथ ही उनकी संपत्तियों की जांच कर कुर्की की तैयारी की जा रही है। इस कार्रवाई में रायपुर रेंज के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, साइबर थाना, विधानसभा थाना और एंटी क्राइम यूनिट की संयुक्त टीम शामिल रही।