
जेईई मेन 2026 के लिए बनी विशेष कमेटी, एक पाली में परीक्षा या नए नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले पर हो सकता है फैसला
देश की सबसे बड़ी परीक्षा एजेंसी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) अब 2026 की प्रवेश परीक्षाओं को और अधिक निष्पक्ष व पारदर्शी बनाने की दिशा में काम कर रही है। जेईई मेन, नीट और सीयूईटी जैसी परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया पर लगातार उठ रही आपत्तियों को देखते हुए एजेंसी बड़े बदलाव की तैयारी में है।
नई दिल्ली [ए]। जेईई मेन, नीट और सीयूईटी जैसी राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया पर लगातार उठ रहे सवालों के बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) अब नई राह पर आगे बढ़ रही है। 2025 की सभी प्रमुख परीक्षाएं सम्पन्न कराने के बाद एजेंसी ने 2026 की तैयारियां शुरू कर दी हैं और इस बार परीक्षा प्रणाली में अहम बदलावों की संभावना जताई जा रही है।
दरअसल, लाखों छात्रों की भागीदारी और अलग-अलग दिनों व पालियों में परीक्षा होने के कारण प्रश्नपत्रों की कठिनाई में अंतर आ जाता है। इसे संतुलित करने के लिए NTA नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला अपनाता है। लेकिन लंबे समय से छात्रों और विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रणाली कई बार मेधावी छात्रों के साथ अन्याय करती है। समान अंक होने के बावजूद पर्सेंटाइल में बड़ा अंतर आ जाने से उनकी रैंक प्रभावित होती है।
इन शिकायतों को ध्यान में रखते हुए NTA ने जेईई मेन 2026 के लिए एक विशेष कमेटी गठित की है। यह कमेटी नॉर्मलाइजेशन की समस्या के स्थायी समाधान के लिए सुझाव देगी। माना जा रहा है कि NTA अक्टूबर 2025 तक परीक्षा का आधिकारिक शेड्यूल जारी कर देगा।
संभावित विकल्पों में सबसे बड़ा बदलाव यह हो सकता है कि परीक्षा को एक ही पाली में आयोजित किया जाए, जिससे नॉर्मलाइजेशन की आवश्यकता ही न रहे। हालांकि, यदि यह संभव न हुआ तो एक नया, अधिक उन्नत और पारदर्शी नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला लागू किया जा सकता है। NTA का लक्ष्य स्पष्ट है— लाखों छात्रों के भविष्य से जुड़ी इन परीक्षाओं को पूरी तरह निष्पक्ष, भरोसेमंद और पारदर्शी बनाना।