
सरकार ने टैक्स सिस्टम को सरल और पारदर्शी बनाने पर दिया जोर, टैक्स रेट में कोई बदलाव नहीं
टैक्सपेयर्स के लिए बड़ा बदलाव होने जा रहा है। इनकम टैक्स एक्ट 2025 को राष्ट्रपति से मंजूरी मिल गई है और यह 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा। केंद्र सरकार ने 21 अगस्त को इसके नियम नोटिफाई कर दिए हैं। नया कानून 1961 के पुराने इनकम टैक्स एक्ट की जगह लेगा। खास बात यह है कि टैक्स रेट में कोई बदलाव नहीं होगा, बल्कि टैक्सपेयर्स की सुविधा और टैक्स कानूनों को सरल बनाने पर फोकस किया गया है।
नई दिल्ली (ए)। सरकार ने टैक्स सिस्टम को और आसान बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। इनकम टैक्स एक्ट 2025 अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून का रूप ले चुका है। 1 अप्रैल 2026 से यह पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 को रिप्लेस करेगा। इस बार सरकार ने टैक्स रेट को जस का तस रखा है, लेकिन पूरे कानून को सरल और समझने योग्य बनाने पर ज़ोर दिया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बिल को 13 फरवरी 2025 को लोकसभा में पेश किया था। इसमें सबसे बड़ा बदलाव यह है कि एक्ट के शब्दों की संख्या लगभग आधी कर दी गई है। पुराने कानून में करीब 5 लाख शब्द थे, जिन्हें घटाकर 2.5 लाख कर दिया गया है।
नए इनकम टैक्स एक्ट की 4 बड़ी बातें
- स्ट्रक्चर बदला, प्रावधान बढ़े: असेसमेंट ईयर की जगह अब “टैक्स ईयर” शब्द इस्तेमाल होगा। पन्नों की संख्या 823 से घटकर 622 रह गई है। सेक्शन 298 से बढ़ाकर 536 किए गए हैं और शेड्यूल्स की संख्या भी 14 से बढ़कर 16 हो गई है।
- क्रिप्टो पर सख्ती: क्रिप्टो एसेट्स को अब अनडिस्क्लोज्ड इनकम की श्रेणी में शामिल किया गया है, जैसे नकदी, बुलियन और ज्वेलरी होते हैं। इससे डिजिटल लेन-देन को कानूनी दायरे में लाया जा सकेगा।
- टैक्सपेयर्स चार्टर: नए कानून में टैक्सपेयर्स चार्टर को जोड़ा गया है। इससे टैक्सदाताओं के अधिकारों की रक्षा होगी और टैक्स अधिकारियों की जिम्मेदारियां तय होंगी। इससे टैक्स प्रशासन ज्यादा पारदर्शी बनेगा।
- सैलरी कटौतियां आसान: स्टैंडर्ड डिडक्शन, ग्रेच्युटी और लीव एनकैशमेंट जैसी कटौतियों को एक ही जगह सूचीबद्ध किया गया है। पुराने कानून में मौजूद उलझे हुए प्रावधान हटाकर इसे सरल कर दिया गया है।