
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रग्रहण के समय राहु-केतु की नकारात्मक ऊर्जा सबसे ज्यादा सक्रिय रहती है. ऐसे में विशेष मंत्रों का जाप करने से इनका अशुभ असर काफी हद तक कम हो सकता है और मन
सनातन धर्म में ग्रहण को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. पितृ पक्ष की शुरुआत इस बार चंद्रग्रहण के संयोग में हो रही है, जिसे ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष और कहीं-कहीं नकारात्मक प्रभाव वाला माना जा रहा है. मान्यता है कि ग्रहण काल में किए गए धार्मिक कर्मकांड, दान-पुण्य और श्राद्ध का फल प्रभावित हो सकता है. इस कारण ज्योतिषी इस अवधि में विशेष सतर्कता बरतने की सलाह देते हैं. वैदिक पंचांग के अनुसार, साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण आज यानी 7 सितंबर को रात 9:58 बजे से शुरू होगा और रात 1:45 बजे समाप्त होगा. इस स्थिति में ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है और सूतक काल में कई नकारात्मक शक्तियां बढ़ जाती हैं. इन नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा पाने के लिए कुछ दिव्य मंत्रों का जप करना चाहिए. आइए इस रिपोर्ट में विस्तार से समझते हैं.
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि ज्योतिष गणना में ग्रहण को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इसका प्रभाव देश और दुनिया पर भी दिखता है. यह चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा, इसलिए यहां इसका सूतक काल भी मान्य होगा. ग्रहण के दौरान पृथ्वी पर राहु का प्रभाव बढ़ जाता है, इसलिए इस दिन शुभ काम नहीं किए जाते. लेकिन ग्रहण के दौरान भगवान शंकर के दिव्य मंत्र का जाप करना चाहिए, इससे ग्रहण के दुष्प्रभाव से मुक्ति मिलती है. मंत्रों के जाप से अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है और धन-धान्य में वृद्धि होती है. अगर आप चंद्रग्रहण के समय कुछ मंत्रों का जाप करते हैं तो कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत हो सकती है और जीवन में सफलता मिलती है.
अगर आप चंद्र ग्रहण के दौरान नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो भगवान शंकर के महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए. इसके अलावा महामृत्युंजय मंत्र और चंद्रमा का मंत्र “ऊं श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः” का 108-108 बार जप करना चाहिए. ऐसा करने से नकारात्मक शक्तियां सकारात्मक रूप में बदल जाती हैं.
अगर आप जीवन में साहस और आत्मबल को मजबूत करना चाहते हैं, तो ग्रहण के दौरान “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” मंत्र का जाप करें.
अगर आप दांपत्य जीवन में खुशहाली चाहते हैं और आर्थिक तंगी से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो चंद्र ग्रहण के दौरान “ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः” इस मंत्र का जाप करें.
अगर आप स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों से परेशान हैं और मानसिक रूप से शांति नहीं मिल रही है, तो चंद्र ग्रहण के दौरान “ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्राय नमः” इस मंत्र का जाप करें.