
अब तक 31 लोगों की मौत, 1000 से ज्यादा घायल; आर्मी और Gen-Z नेताओं में वार्ता का दूसरा दौर शुरू, बड़े नेता शिवपुरी भेजे गए
नेपाल की राजधानी काठमांडू हिंसा के बाद लगातार तीसरे दिन कर्फ्यू की जद में है। हालात काबू में होने के बावजूद सेना ने एहतियातन सख्ती बरकरार रखी है। इस बीच अंतरिम सरकार गठन की कवायद तेज हो गई है और नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस रह चुकीं सुशीला कार्की का प्रधानमंत्री बनना लगभग तय है। उन्हें Gen-Z और काठमांडू के मेयर बालेन शाह का समर्थन मिला है।
काठमांडू (ए)। नेपाल की राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाकों में हिंसा के चलते हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। गुरुवार को भी लगातार तीसरे दिन सेना ने एहतियातन कर्फ्यू लगाया हुआ है। अब तक हुई झड़पों में 31 लोगों की जान जा चुकी है और 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
इधर, अंतरिम सरकार बनाने की कवायद भी तेज हो गई है। आर्मी हेडक्वार्टर में गुरुवार सुबह 10:30 बजे सेना और Gen-Z नेताओं के बीच बातचीत का दूसरा दौर शुरू हुआ। इससे पहले बुधवार को हुई पहली बैठक बेनतीजा रही थी। सेना ने सभी दलों और नेताओं से राय मांगी है।
नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस और पहली महिला न्यायाधीश सुशीला कार्की का अंतरिम प्रधानमंत्री बनना लगभग तय हो गया है। सूत्रों का कहना है कि वे मेयर बालेन शाह की प्रॉक्सी के तौर पर काम करेंगी और जब चुनाव होंगे, तब बालेन खुद मैदान में उतर सकते हैं।
राजनीतिक अस्थिरता के बीच नेपाली कांग्रेस ने संविधान संशोधन की मांग की है। पार्टी नेता प्रदीप पौडेल ने शांतिपूर्ण समाधान और राष्ट्रीय सहमति से सरकार गठन का आह्वान किया है।
उधर, बढ़ते तनाव को देखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, माओवादी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’, सीपीएन (एकीकृत समाजवादी) अध्यक्ष माधव नेपाल समेत कई बड़े नेताओं को सेना ने शिवपुरी स्थित सुरक्षित स्थान पर भेज दिया है। मंगलवार को ओली के इस्तीफे के तुरंत बाद सेना ने हेलीकॉप्टर से उन्हें बलुवाटर से वहां पहुंचाया। इसी तरह प्रचंड और माधव नेपाल को भी सिंह दरबार से निकालकर शिवपुरी भेजा गया। नेपाल में हालात अभी नाजुक बने हुए हैं और सेना स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है।