
✅ विकसित भारत के निर्माण में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण
✅ 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए युवाओं को जागरूक होने की आवश्यकता
✅ संवेदनशीलता, श्रम और पर्यावरण संरक्षण से होगा सशक्त राष्ट्र का निर्माण
दुर्ग | किसी भी राष्ट्र के निर्माण और विकास के मूल में मां, मातृभूमि और मातृभाषा से जुड़ाव ही होता है | अपनी संस्कृति के विकास और संरक्षण की प्रेरणा मां, मातृभूमि और मातृभाषा के लगाव के फलस्वरूप ही प्राप्त होती है | यही जुड़ाव लगाव विकसित भारत की नींव भी बनेगा | ऊंच नीच जाति पंथ अमीरी गरीबी,शहर गांव के भेदभाव के बिना एक दूसरे से जुड़कर ही एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण संभव है| दूसरों की वेदना का अनुभव कर संवेदनशील बनकर ही बेहतर व्यक्ति और विकसित राष्ट्र का निर्माण होता है | इन्हीं मुख्य बिंदुओं के आधार पर प्रत्येक भारतवासी भारत को विकसित बनाने के लिए अपना योगदान दे सकता है| उक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छत्तीसगढ़ प्रांत के सह प्रांत प्रचारक नारायण जी ने कहीं वे आज दुर्ग स्थित शासकीय विश्वनाथ तामस्कर महाविद्यालय में आयोजित अतिथि व्याख्यान कार्यक्रम में विकसित भारत का लक्ष्य और युवाओं की भूमिका विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे |
श्री नारायण जी ने कहा कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने सन 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित होने के लिए कहा है और ऐसा तभी संभव है जब भारत का युवा वर्ग अपनी शक्ति को पहचाने, अपनी जिम्मेदारी को पहचाने आडंबर व फूहड़ता में समय नष्ट न करके अपनी सकारात्मक भूमिका का निर्माण करें | भारत का युवा विश्व की सबसे प्रामाणिक ताकत है| श्री नारायण जी ने कहा कि भारत का एक-एक व्यक्ति श्रम कर अपने लिए संसाधन जुटाये, अपने संसाधनों का उपभोग भी करें,अपना हित भी सोचे लेकिन यह देखना भी आवश्यक है कि प्रत्येक कार्य ऐसा हो जिसमें अपने राष्ट्र का हित भी निहित हो |
उन्होंने कहा कि पर्यावरण मित्र बनकर पेड़ पौधों का संरक्षण और प्लास्टिक का उपयोग रोका जाना भी बेहद आवश्यक है| श्री नारायण जी ने कहा कि अपनी संस्कृति व मूल्यों का सम्मान व संरक्षण इस आधुनिक युग में भी किया जाना संभव है और इसके विषय में युवा वर्ग बेहतर तरीके से कार्य कर सकता है |इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य ने स्वागत भाषण दिया, कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता श्री संतोष परांजपे , श्री रोशन साहू , अंजय ताम्रकार, प्रवीण यादव श्री दीक्षित महाविद्यालय के छात्र, आयोजक मंडल एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।