
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के बुजुर्गों की दशकों पुरानी धार्मिक आकांक्षाओं को पूरा करने का ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना को पुनर्जीवित किया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज रायपुर रेलवे स्टेशन से तिरुपति, मदुरै और रामेश्वरम जाने वाली पहली विशेष तीर्थ यात्रा ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जिसमें रायपुर और बलौदाबाजार-भाटापारा जिलों के 780 श्रद्धालु सवार हुए।
- योजना के प्रमुख बिंदु:
- 15 करोड़ रुपये का बजट आवंटन
- 19 प्रमुख तीर्थ स्थल शामिल (उज्जैन, पुरी, द्वारका, वैष्णो देवी सहित)
- विशेष सुविधाएं: निःशुल्क यात्रा, आवास, भोजन, चिकित्सा सेवा
- प्राथमिकता: 60+ वर्ष के बुजुर्ग, विधवा एवं परित्यक्त महिलाएं
यात्रा का विवरण:
मार्ग प्रमुख दर्शनीय स्थल यात्रियों की संख्या अवधि
तिरुपति-मदुरै-रामेश्वरम बालाजी मंदिर, मीनाक्षी मंदिर, रामसेतु 780 7 दिन
मुख्यमंत्री साय ने यात्रियों से आत्मीय संवाद करते हुए कहा, “आपके चेहरे की खुशी हमारे लिए सबसे बड़ा संतोष है। यह योजना केवल यात्रा नहीं, बल्कि आपके जीवन के सपनों को पूरा करने का माध्यम है।”
- ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
- 2012 में डॉ. रमन सिंह सरकार द्वारा शुरू की गई थी योजना
- 2019 तक 2.46 लाख श्रद्धालुओं ने लाभ उठाया
- पिछली सरकार ने योजना को रोका था
- वर्तमान सरकार ने 5 वर्ष बाद पुनः शुरू की
समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए ट्रेन में चिकित्सकों की टीम और पुलिस बल तैनात किया गया है। आने वाले दिनों में अयोध्या दर्शन के लिए भी विशेष यात्राएं आयोजित की जाएंगी। इस ऐतिहासिक अवसर पर विधायक पुरंदर मिश्रा, मोतीलाल साहू सहित प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे। यह योजना छत्तीसगढ़ सरकार के ‘सबके साथ, सबके विकास’ के संकल्प को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।