
रायपुर। रायपुर नगर निगम (RMC) ने शहर के विकास के लिए 1529.53 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है, जिसमें महिला सशक्तिकरण, शहरी बुनियादी ढांचे और सामाजिक कल्याण को प्राथमिकता दी गई है। मेयर मीनल चौबे ने बजट पेश करते हुए कहा कि यह “जनता के पैसे का सही उपयोग सुनिश्चित करने वाला बजट” है और पिछली सरकारों पर “सिर्फ सपने दिखाने” का आरोप लगाया।
बजट की मुख्य बातें:
महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण:
- शहर में 3 वर्किंग वीमेन हॉस्टल बनाए जाएंगे।
- सार्वजनिक स्थानों पर महिला रेस्ट रूम, सेनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन और बेबी फीडिंग कॉर्नर बनेंगे।
- 10 करोड़ रुपये की गारमेंट फैक्टरी से स्थानीय महिलाओं को रोजगार मिलेगा।
स्ट्रीट वेंडर्स और तृतीय लिंग समुदाय:
- स्ट्रीट वेंडर्स को डिजिटल लेनदेन का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- तृतीय लिंग समुदाय को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण देकर मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा।
स्वच्छता और बुनियादी ढांचा:
- स्वच्छ भारत मिशन के तहत सार्वजनिक शौचालयों में सेनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन लगाई जाएंगी।
- बाजारों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
मेयर का पिछली सरकार पर हमला:
मीनल चौबे ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्षों में बजट का बड़ा हिस्सा खर्च नहीं किया गया:
- 2024-25: 1901 करोड़ के बजट में से सिर्फ 819 करोड़ खर्च।
- 2023-24: 1608 करोड़ के बजट में से 889 करोड़ खर्च।
- 2022-23: 1475 करोड़ के बजट में से 980 करोड़ खर्च।
उन्होंने कहा, “हम सिर्फ वादे नहीं, हकीकत बदलने आए हैं। बेटियां अब बेबस नहीं, शहर की तकदीर गढ़ रही हैं।”
विपक्ष की प्रतिक्रिया:
विपक्षी दलों ने इस बजट को “चुनावी जुमला” बताया है और कहा है कि पिछले वर्षों के अधूरे प्रोजेक्ट्स पर ध्यान देना चाहिए था।
- क्या है आगे की रणनीति?
डिजिटल पहल: ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देकर पारदर्शिता लाना। - ग्रीन रायपुर: शहर में सौर ऊर्जा और पार्क विकास पर जोर।
यह बजट महिलाओं और वंचित समूहों को केंद्र में रखकर बनाया गया है, लेकिन इसके क्रियान्वयन पर ही सरकार की साख निर्भर करेगी। क्या रायपुर निगम इस बार बजट का पूरा उपयोग कर पाएगा? यह देखना बाकी है।