
रायपुर में एंटी-नक्सल बैठक में गृहमंत्री अमित शाह ने दिया निर्देश: ऑपरेशन की रफ्तार न थमे, राज्यों के बीच बढ़े समन्वय
छत्तीसगढ़ में चल रहे एंटी-नक्सल अभियान को लेकर शनिवार रात राजधानी रायपुर में एक हाईलेवल बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अगुवाई केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की। अफसरों ने शाह को जानकारी दी कि अब नक्सली मुठभेड़ों से डरकर अपनी लोकेशन बदल रहे हैं और छत्तीसगढ़ छोड़कर दूसरे राज्यों की ओर भाग रहे हैं। इस पर शाह ने स्पष्ट निर्देश दिए कि एक्शन का मोमेंटम किसी भी हाल में धीमा नहीं होना चाहिए।
रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में decisive (निर्णायक) कार्रवाई जारी है। शनिवार को रायपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एंटी-नक्सल ऑपरेशन को लेकर अहम समीक्षा बैठक की। बैठक में शाह को जानकारी दी गई कि छत्तीसगढ़ में बीते एक साल में पुलिस और सुरक्षा बलों ने कई बड़े ऑपरेशन चलाए हैं, जिससे नक्सलियों के अंदर डर का माहौल बन गया है। नतीजा ये है कि वे अब राज्य की सीमाएं छोड़कर अन्य राज्यों में भाग रहे हैं।
बैठक में मौजूद अधिकारियों से अमित शाह ने कहा— “31 मार्च 2026 वो तारीख होगी जब नक्सलवाद देश से पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। हमें इस मिशन को ऐतिहासिक बनाना है।”
उन्होंने राज्यों की पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल और साझा रणनीति पर जोर देते हुए कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों में ‘विकास और विश्वास’ की नीति को और मजबूत करना होगा।
‘नियद नेल्लानार’ योजना का विस्तार करने के निर्देश
शाह ने राज्य सरकार की योजना ‘नियद नेल्लानार’ की सराहना करते हुए इसे सुरक्षा कैंपों से 5 किलोमीटर की जगह 10 किलोमीटर के दायरे तक विस्तार करने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि जिन गांवों को नक्सली इलाकों से मुक्त किया गया है, वहां हर घर तक सरकारी योजनाएं और सेवाएं पहुंचनी चाहिएं।
हर गांव को मिलेगा ₹1 करोड़, नक्सलियों से सरेंडर की अपील
शनिवार को दंतेवाड़ा दौरे पर पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की कि जो गांव नक्सलियों को सरेंडर कराएंगे, उन्हें ₹1 करोड़ की राशि विकास के लिए दी जाएगी। उन्होंने नक्सलियों से अपील की कि वे हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटें और आम नागरिकों की तरह जीवन जिएं।
बैठक में कौन-कौन रहा मौजूद
इस उच्च स्तरीय बैठक में केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, IB प्रमुख, CRPF, NIA, BSF और ITBP के महानिदेशक, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, गृह मंत्री विजय शर्मा, राज्य के मुख्य सचिव, DGP और अन्य वरिष्ठ अफसर मौजूद रहे।