
श्मशान घाट के पास फेंके गए सरकारी गोडाउन की सामग्री बनी मौत की वजह! कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना, जांच में जुटी पुलिस
रायपुर के उरला इंडस्ट्रियल एरिया से लगे कन्हेरा गांव में छह मवेशियों की मौत से हड़कंप मच गया। गांववालों का आरोप है कि कुछ दिनों पहले सरकारी गोडाउन से निकली खराब सामग्री को श्मशान घाट के पास फेंका गया था, जिसे खाने के बाद मवेशियों ने दम तोड़ दिया। इस मामले को लेकर जहां प्रशासन जांच में जुटा है, वहीं विपक्ष ने सरकार की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए कड़ा हमला बोला है।
रायपुर। राजधानी से लगे कन्हेरा गांव में रविवार को एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहां छह मवेशियों की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। ग्रामीणों का आरोप है कि कुछ दिन पहले सरकारी गोडाउन से निकाले गए अनुपयोगी और सड़ी-गली सामग्री को श्मशान घाट के पास फेंक दिया गया था। इन वस्तुओं को खाने के बाद ही मवेशियों की तबीयत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई।
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग और पुलिस मौके पर पहुंचे। मृत मवेशियों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए शासकीय पशु चिकित्सालय भेजा गया है। पुलिस का कहना है कि मौत के पीछे के वास्तविक कारणों की जांच की जा रही है।
इस घटना ने राजनीतिक तूल भी पकड़ लिया है। कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने सरकार पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि— “राजधानी के पास गौठान होते हुए भी उसका संचालन बंद है। अगर वहां चारा-पानी की व्यवस्था होती तो शायद आज इतनी बड़ी संख्या में गायों की जान न जाती। यह सरकार की घोर लापरवाही है।” उन्होंने आगे कहा, “यह कोई पहली घटना नहीं है। प्रदेश में बीते सवा साल से लगातार गायों की मौत हो रही है और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। जिम्मेदार अफसरों और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
पुलिस ने भी घटनास्थल का निरीक्षण कर, गांव वालों से पूछताछ शुरू कर दी है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि मवेशियों की मौत किस वजह से हुई। फिलहाल, गांव में इस घटना को लेकर नाराजगी का माहौल है और लोग दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।