
- सेंसेक्स 78,700 और निफ्टी 23,850 के स्तर पर पहुंचा
- बैंकिंग और ऑटो सेक्टर्स में सबसे ज्यादा बिकवाली
- भारत-पाक रिश्तों में तनातनी से निवेशकों में डर
- FIIs खरीदारी मोड में, फिर भी बाजार में गिरावट का दबाव
शुक्रवार, 25 अप्रैल को शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। बीते सात कारोबारी सत्रों में शानदार तेजी के बाद अब निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू कर दी है। इस बीच भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने भी बाजार की चाल पर असर डाला है। सेंसेक्स 1100 अंक गिरकर 78,700 और निफ्टी 400 अंक फिसलकर 23,850 पर पहुंच गया।
शेयर बाजार ने शुक्रवार को एक बड़ी गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत की। सेंसेक्स 1.40% की गिरावट के साथ 78,700 के करीब आ गया, वहीं निफ्टी भी 350 अंक टूटकर 23,850 के स्तर पर कारोबार करता दिखा। बाजार की यह गिरावट मुख्य रूप से दो कारणों से देखी जा रही है—भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव और हालिया तेजी के बाद मुनाफावसूली।
सेंसेक्स के 30 में से 26 शेयरों में गिरावट रही, जिसमें एक्सिस बैंक, अडाणी पोर्ट्स और बजाज फाइनेंस जैसे दिग्गज शेयरों में 4.5% तक की गिरावट आई। आईटी सेक्टर के शेयर जैसे टेक महिंद्रा, इंफोसिस, TCS और HCL टेक मामूली हरे निशान में नजर आए।
निफ्टी के 50 में से 45 शेयर लाल निशान में रहे। निफ्टी मीडिया इंडेक्स में 3% तक की गिरावट देखी गई, जबकि पीएसयू बैंक, फार्मा, मेटल और ऑटो सेक्टर्स में करीब 2% की गिरावट रही। एकमात्र IT इंडेक्स 1% की बढ़त के साथ कारोबार करता रहा।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौता निलंबित कर दिया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी द्विपक्षीय समझौतों को ठंडे बस्ते में डालने का एलान किया। इस भू-राजनीतिक तनाव ने बाजार में डर का माहौल बना दिया है।
दूसरी तरफ, अमेरिकी बाजारों और एशियाई इंडेक्स में तेजी देखने को मिली। डाउ जोन्स, नैस्डेक और S&P 500 सभी हरे निशान में बंद हुए। जापान, कोरिया, चीन और हॉन्गकॉन्ग के प्रमुख इंडेक्स भी ऊपर बंद हुए। इसके बावजूद भारतीय बाजार में घरेलू अस्थिरता का असर ज्यादा गहराया।
FIIs ने 24 अप्रैल को 8,250 करोड़ रुपए की खरीदारी की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 534 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। बावजूद इसके, बाजार पर गिरावट का दबाव बना रहा।