
गृहमंत्री विजय शर्मा बोले – जब आदिवासी मरे, तब चुप थे सब; अब वार्ता का एजेंडा क्यों?
छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलवाद के मुद्दे पर अब किसी तरह की नरमी के मूड में नहीं है। गृहमंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों से वार्ता की संभावनाओं को खारिज करते हुए इसे देश विरोधी प्रोपेगेंडा करार दिया है। उन्होंने कहा कि अब केवल ठोस कार्रवाई होगी, न कि समझौता।
रायपुर। नक्सल हिंसा के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार ने अब और सख्ती दिखाने का फैसला लिया है। डिप्टी सीएम एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों से किसी भी तरह की शांति वार्ता की संभावना को पूरी तरह नकार दिया है। उनका कहना है कि वार्ता के नाम पर देश को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है।
शर्मा ने तीखे शब्दों में कहा कि जब वर्षों तक छत्तीसगढ़ के आदिवासी मारे जा रहे थे, तब किसी ने इंसाफ की बात नहीं की। लेकिन अब जब तेलंगाना में कार्रवाई हो रही है तो कुछ लोग वार्ता की वकालत कर रहे हैं। यह दिखाता है कि इनके इरादों में खोट है।
उन्होंने कहा कि कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में पिछले 9 दिनों से चल रहे ऑपरेशन में अब तक 5 नक्सली मारे जा चुके हैं, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं। इस ऑपरेशन को CRPF, DRG, तेलंगाना ग्रेहाउंड्स समेत पांच राज्यों की फोर्स मिलकर चला रही है, जिसका लक्ष्य टॉप लीडर्स को निशाना बनाना है।
गृहमंत्री ने यह भी कहा कि पिछले कुछ वर्षों में 400 से ज्यादा नक्सली मारे गए, लेकिन तब कोई शांति वार्ता की बात नहीं कर रहा था। अब जब दबाव बढ़ा है तो अचानक वार्ता की आवाज़ें उठ रही हैं। उन्होंने पूछा, “कौन हैं ये लोग जो वार्ता के लिए आगे आ रहे हैं? क्या इनके तार नक्सलियों से जुड़े हैं?”
उन्होंने चेतावनी दी कि राज्य सरकार नक्सल समर्थक संगठनों पर भी कार्रवाई कर सकती है। फिलहाल सरकार का पूरा ध्यान नक्सल नेटवर्क को जड़ से खत्म करने पर है।