
60 घंटे भूखे-प्यासे रहे माओवादी, पुलिस के घेरे में फंसकर हुई मुठभेड़; 35 में से 28 मारे गए, 7 जिंदा बचे
छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में पुलिस और सुरक्षाबलों को नक्सल मोर्चे पर अब तक की सबसे बड़ी सफलता मिली है। 10 करोड़ के इनामी नक्सली बसवा राजू समेत 28 उग्रवादी ढेर कर दिए गए। इस कार्रवाई की नींव उन्हीं सरेंडर नक्सलियों ने रखी जो कभी उसी संगठन का हिस्सा थे।
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के अबूझमाड़ जंगलों में सुरक्षाबलों ने एक ऐतिहासिक अभियान में कुल 28 नक्सलियों को ढेर कर दिया। इसमें दक्षिण सब जोनल ब्यूरो के महासचिव और 10 करोड़ के इनामी नक्सली बसवा राजू भी शामिल था। इस ऑपरेशन में DRG, जिला पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई निर्णायक साबित हुई।
नक्सल प्रवक्ता ‘विकल्प’ द्वारा जारी प्रेस नोट में यह स्वीकार किया गया है कि इस मुठभेड़ में उनके 28 साथी मारे गए, जिनमें से 27 के शव पुलिस ने बरामद कर लिए हैं जबकि एक शव नक्सली अपने साथ ले गए।
सूत्रों के अनुसार, कुछ समय पहले संगठन से टूटे और आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों ने पुलिस को ठोस जानकारी दी थी। 17 मई को नारायणपुर और कोंडागांव पुलिस बलों ने इलाके में प्रवेश किया, इसके बाद 18 मई को दंतेवाड़ा और बीजापुर से DRG जवानों की टुकड़ियाँ जुटाई गईं।
19 मई को जब नक्सली ठिकाना बदल रहे थे, तभी सुरक्षा बलों ने चारों तरफ से घेराबंदी की। दिनभर पांच बार मुठभेड़ हुई, लेकिन 21 मई को सुबह भारी गोलीबारी और शेलिंग में 28 माओवादी ढेर हो गए।
विकल्प के अनुसार, बसवा राजू समेत मारे गए नक्सली बीते 60 घंटे से भूखे-प्यासे थे। पुलिस की कड़ी घेराबंदी के कारण उन्हें बाहर निकलने या रसद पहुंचाने का कोई मौका नहीं मिला। मुठभेड़ से कुछ समय पहले ही एक नक्सली दंपति यूनिट से भाग गया था। बताया गया है कि बसवा राजू की यूनिट में पहले 60 नक्सली थे, लेकिन कई मारे गए और कुछ ने आत्मसमर्पण कर दिया, जिससे संख्या घटकर 35 रह गई। उनमें से 28 इस मुठभेड़ में मारे गए और केवल 7 ही किसी तरह बच निकले।