
- सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 1107 पहुंची, केरल में सर्वाधिक 430 केस
- उत्तर प्रदेश में कोविड से पहली मौत, कुल मृतकों की संख्या 12
- देश में कोरोना के चार नए वैरिएंट मिले, सबसे आम JN.1
- विशेषज्ञों ने किया सतर्क रहने का आग्रह, घबराने की जरूरत नहीं
भारत में कोविड-19 के मामलों में फिर से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। 1100 से अधिक सक्रिय केस दर्ज किए गए हैं और 12 लोगों की संक्रमण से मौत हो चुकी है। साथ ही, वैज्ञानिकों ने देश में कोरोना के चार नए वैरिएंट की पुष्टि की है, जिनमें से JN.1 सबसे अधिक पाया जा रहा है। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है, बस सतर्कता जरूरी है।
नई दिल्ली (ए)। देश में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या 1107 हो गई है, जिनमें सबसे अधिक 430 मामले केरल से सामने आए हैं। इसके अलावा, महाराष्ट्र में 208, दिल्ली में 104, कर्नाटक में 100 और गुजरात में 83 एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में मंगलवार को 78 वर्षीय एक बुजुर्ग की संक्रमण के कारण मौत हो गई। यह राज्य में कोरोना के किसी नए वैरिएंट से पहली मौत है। इसके अलावा महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और मध्य प्रदेश से भी मौतों की खबरें आई हैं, जिससे देश में कुल मृतकों की संख्या 12 हो गई है।
जयपुर में सोमवार को दो लोगों की कोरोना से मौत हुई। इनमें से एक व्यक्ति रेलवे स्टेशन पर मृत मिला था, जबकि दूसरा 26 वर्षीय युवक पहले से टीबी से पीड़ित था और निजी अस्पताल में भर्ती था।
महाराष्ट्र के ठाणे में भी कोरोना के चलते दो मौतें हुई हैं। एक 21 वर्षीय युवक की मौत 25 मई को इलाज के दौरान हुई थी, जबकि दूसरी एक महिला की इलाज के दौरान हुई। कर्नाटक में 84 साल के बुजुर्ग की मल्टी ऑर्गन फेल्योर से मौत हुई, बाद में उनकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई। केरल से भी दो मौतों की पुष्टि हुई है।
इसी बीच, स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञों ने बताया है कि देश में चार नए वैरिएंट LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 की पहचान की गई है। इन वैरिएंट्स की जीनोमिक सीक्वेंसिंग दक्षिण और पश्चिम भारत में की गई है। JN.1 सबसे अधिक मामलों में पाया गया है, जबकि BA.2 और अन्य ओमिक्रॉन सबवैरिएंट भी दिख रहे हैं।
NB.1.8.1 वैरिएंट में ऐसे म्यूटेशन पाए गए हैं जो इसे अन्य की तुलना में अधिक संक्रामक बनाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल मामले गंभीर नहीं हैं, लेकिन लोगों को सतर्क रहना चाहिए।
विश्व स्तर पर भी इन वैरिएंट्स को निगरानी में रखा गया है, लेकिन इन्हें फिलहाल ‘चिंताजनक’ की श्रेणी में नहीं रखा गया है।