
सौम्या चौरसिया, रानू साहू और सूर्यकांत तिवारी को जमानत; छत्तीसगढ़ में रहने पर रोक, पासपोर्ट जमा करने और नया पता देने के निर्देश
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला लेवी घोटाले में गिरफ्तार सौम्या चौरसिया, रानू साहू, समीर विश्नोई और सूर्यकांत तिवारी सहित छह आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। न्यायालय ने सभी को राज्य से बाहर रहने, पासपोर्ट जमा करने और नया पता थाने में दर्ज कराने का आदेश दिया है।
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोल लेवी घोटाले में जेल में बंद सौम्या चौरसिया, रानू साहू, समीर विश्नोई, सूर्यकांत तिवारी सहित कुल छह आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। यह जमानत सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच—जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता—द्वारा दी गई है।
कोर्ट ने यह स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी आरोपी फिलहाल छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा में नहीं रहेंगे। उन्हें अपनी रिहाई के एक सप्ताह के भीतर राज्य से बाहर अपने नए निवास का पता संबंधित थाना प्रभारी को उपलब्ध कराना होगा। साथ ही, सभी को अपना पासपोर्ट भी जमा करना अनिवार्य होगा। जमानत की शर्तों के तहत उन्हें जांच एजेंसियों और ट्रायल कोर्ट के समक्ष आवश्यकता अनुसार उपस्थित रहना होगा और जांच में पूरा सहयोग करना होगा।
बता दें कि सौम्या चौरसिया को दिसंबर 2022 और रानू साहू को जुलाई 2023 में गिरफ्तार किया गया था। यह मामला 570 करोड़ रुपए से अधिक के कोयला परिवहन और परमिट गड़बड़ी से जुड़ा है। ईडी का आरोप है कि एक संगठित सिंडिकेट के जरिए कोयला व्यापारियों से अवैध वसूली की गई। इसके लिए कोल परमिट की ऑनलाइन प्रक्रिया को जानबूझकर ऑफलाइन किया गया और प्रत्येक टन कोयला परिवहन पर 25 रुपए तक की अवैध लेवी वसूली गई।
जांच एजेंसी के अनुसार, इस घोटाले का मास्टरमाइंड कोल कारोबारी सूर्यकांत तिवारी है, जिसके कर्मचारियों के माध्यम से रकम एकत्र की जाती थी। खनिज विभाग द्वारा पीट पास और ट्रांसपोर्ट पास उन्हीं व्यापारियों को दिए जाते थे जिन्होंने यह अवैध राशि अदा की थी।
ईडी की रेड के बाद इस मामले में आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, कोल कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, और अन्य को गिरफ्तार किया गया था। मामले की जांच अभी भी जारी है, और अदालत के अगले आदेश तक सभी आरोपी राज्य से बाहर ही रहेंगे।