
अब हर पारी में सिर्फ 34 ओवर तक इस्तेमाल होंगी दो नई गेंदें, अंतिम 16 ओवरों में एक ही गेंद से होगी गेंदबाज़ी; रिवर्स स्विंग को बढ़ावा देने की मंशा
वनडे क्रिकेट में गेंदबाजों के लिए अच्छी खबर है। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने दो नई गेंदों के नियम में बड़ा बदलाव किया है, जिससे मैच के आखिरी ओवरों में गेंद की पुरानी चमक लौटेगी और रिवर्स स्विंग की संभावनाएं बढ़ेंगी। नया नियम जुलाई से प्रभावी होगा।
खेल(डेस्क)। वनडे क्रिकेट के खेल में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है, जो खासतौर पर गेंदबाजों के पक्ष में माना जा रहा है। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने दो नई गेंदों के चलन में बदलाव करते हुए फैसला लिया है कि अब हर पारी में सिर्फ पहले 34 ओवर तक ही दो गेंदों का उपयोग किया जाएगा। इसके बाद 35वें ओवर से लेकर 50वें ओवर तक सिर्फ एक गेंद से खेल होगा, जिसे फील्डिंग टीम चुनेगी।
इस नए नियम की शुरुआत जुलाई में श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच वनडे सीरीज़ से होगी। लंबे समय से इस नियम को लेकर बहस चल रही थी कि दो नई गेंदों के इस्तेमाल से गेंद जल्दी पुरानी नहीं होती, जिससे रिवर्स स्विंग का असर खत्म हो गया है। बल्लेबाजों को इससे बड़ा फायदा मिलता था और गेंदबाजों के पास कम विकल्प बचते थे। अब बदलाव के बाद अंतिम 16 ओवरों में एक ही गेंद से खेला जाएगा, जिससे गेंद घिसेगी और रिवर्स स्विंग की अधिक संभावना बनेगी।
ICC के अनुसार, अगर किसी वनडे मैच की पहली पारी शुरू होने से पहले ही उसे 25 ओवर या उससे कम कर दिया जाता है, तो उस स्थिति में सिर्फ एक नई गेंद से पूरा मैच खेला जाएगा। यदि खेल के दौरान गेंद को बदलने की आवश्यकता पड़ती है, तो मैच रेफरी द्वारा उसी अवस्था की गेंद दी जाएगी। वहीं, जो गेंद 35वें ओवर के बाद उपयोग नहीं की गई, उसे रिज़र्व में रखा जाएगा ताकि भविष्य में समान परिस्थिति में उसका उपयोग हो सके।
यह नियम बल्लेबाज और गेंदबाज दोनों के बीच संतुलन स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे मैच का रोमांच भी बढ़ेगा और अंतिम ओवरों में गेंदबाजी की विविधता दर्शकों को आकर्षित करेगी।