
137 रन की क्लासिकल पारी से भारत को दिलाई बड़ी बढ़त, राहुल ने स्वीकारा—विदेशी जमीन पर आंकड़े नहीं कर पाते संतुष्ट
भारतीय टीम के तकनीकी रूप से दक्ष बल्लेबाज केएल राहुल ने लीड्स टेस्ट की दूसरी पारी में शानदार 137 रन की पारी खेली। इस लाजवाब प्रदर्शन से भारत को 370 रन की मजबूत बढ़त मिली, लेकिन मैच के बाद राहुल ने विदेशी धरती पर अपनी असंगतता पर खुलकर आत्ममंथन किया। उनका कहना है कि SENA देशों में उनका औसत उन्हें खलता है, फिर भी अब वे सिर्फ मौके को भुनाने और टीम के लिए अहम भूमिका निभाने पर ध्यान देना चाहते हैं।
लीड्स। भारतीय क्रिकेट टीम के भरोसेमंद बल्लेबाज केएल राहुल ने लीड्स टेस्ट की दूसरी पारी में 137 रन की जबरदस्त पारी खेलकर भारत को मजबूती दी, लेकिन इसके बावजूद उनके चेहरे पर आत्मसंतोष नहीं था। मैच के बाद बातचीत में उन्होंने विदेशी परिस्थितियों, खासकर SENA देशों (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) में अपने औसत को लेकर स्पष्ट प्रतिक्रिया दी।
राहुल ने स्काई स्पोर्ट्स से कहा,
“जब मैं अपना औसत देखता हूं तो बहुत दुख होता है। लेकिन अब मेरा ध्यान आंकड़ों से हटकर टीम के लिए अहम प्रदर्शन करने और टेस्ट क्रिकेट का आनंद लेने पर है।”
विदेशी धरती पर संघर्ष:
अब तक SENA देशों में केएल राहुल ने 52 पारियों में 1625 रन बनाए हैं, जिसमें 6 शतक और 4 अर्धशतक शामिल हैं, लेकिन औसत 31.86 रहा है। यह आंकड़ा उनके स्तर के खिलाड़ी के लिए असंतोषजनक माना जा सकता है, खासकर तब जब वे बड़े मौकों पर मैच-विनिंग पारियां खेलने की क्षमता रखते हैं।
लीड्स में शतक – राहुल की क्लास का उदाहरण:
यह राहुल का इंग्लैंड में तीसरा टेस्ट शतक था, जिसने उनकी तकनीकी क्षमता, धैर्य और मानसिक मजबूती को दर्शाया। लीड्स की चुनौतीपूर्ण पिच पर उनकी पारी न सिर्फ तकनीकी दृष्टि से शानदार रही, बल्कि भारत के लिए रणनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण थी। उन्होंने स्पिन और स्विंग दोनों के खिलाफ आत्मविश्वास के साथ बल्लेबाजी की।
जहां आलोचक राहुल के औसत पर सवाल उठाते हैं, वहीं समर्थक मानते हैं कि जब टीम को सबसे ज़्यादा जरूरत होती है, तब राहुल लय में आते हैं। लीड्स टेस्ट इसका ताजा उदाहरण है, जिसने एक बार फिर साबित किया कि राहुल में बड़े मैच का खिलाड़ी बनने की क्षमता है।