
बुखार, सर्दी और संक्रमण से बचने के लिए अपनाएं ये आसान आयुर्वेदिक उपाय, डॉ. बी.एस. शर्मा ने बताया कारगर नुस्खा
मानसून की फुहारें जहाँ मौसम को सुहावना बनाती हैं, वहीं यह मौसम कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म देता है। भीगने के बाद सर्दी-जुकाम, बुखार और संक्रमण आम हो जाते हैं। ऐसे में आयुर्वेद के सरल लेकिन प्रभावशाली उपायों को अपनाकर इन समस्याओं से आसानी से बचा जा सकता है। आयुर्वेदाचार्य डॉ. बी.एस. शर्मा बताते हैं कि सौंठ और तुलसी जैसे घरेलू नुस्खे बारिश में रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाकर बीमारियों से बचाव करते हैं।
हेल्थ (ए)। मानसून की ठंडी फुहारें जितनी सुकूनदायक होती हैं, उतनी ही सावधानी की भी मांग करती हैं। बारिश में भीगने के बाद शरीर का तापमान गिर जाता है, जिससे प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है और फंगल, बैक्टीरियल इंफेक्शन, सर्दी-जुकाम, बुखार जैसे रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
डॉ. बी.एस. शर्मा के अनुसार, बारिश में भीगने के बाद तुरंत गर्म पानी से स्नान करना जरूरी है। यह न केवल शरीर को ठंड से बचाता है, बल्कि त्वचा पर जमी गंदगी और हानिकारक बैक्टीरिया को भी साफ करता है। नहाने के बाद शरीर को सूखे तौलिये से अच्छी तरह पोंछें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
सौंठ और तुलसी की ताकत
- आयुर्वेद के अनुसार, सौंठ और तुलसी दोनों ही मानसून के मौसम में बेहद लाभकारी माने जाते हैं।
- एक चम्मच सौंठ पाउडर को गर्म पानी या दूध में मिलाकर रात को सोने से पहले लेने से शरीर को अंदर से गर्माहट मिलती है।
- तुलसी में मौजूद एंटीबायोटिक गुण शरीर को वायरस और बैक्टीरिया से बचाते हैं और इम्यूनिटी मजबूत करते हैं।
- सौंठ और तुलसी की चाय या काढ़ा भी बहुत प्रभावी होता है।
बारिश में स्वास्थ्य के लिए अन्य जरूरी टिप्स:
- गरम और हल्का भोजन खाएं: मसालेदार गरम सूप, मूंग दाल, खिचड़ी जैसे हल्के खाद्य पदार्थ शरीर को गर्म रखते हैं।
- अदरक वाली चाय पिएं: यह सर्दी-खांसी को दूर करने में सहायक होती है।
- पूरी नींद लें: शरीर को रीकवर करने के लिए पर्याप्त विश्राम जरूरी है।
- कपड़े और शरीर रखें सूखा: भीगने के बाद कपड़े तुरंत बदलें और शरीर को पूरी तरह सुखाएं।