
व्यवस्थापन की मांग को लेकर दुकानदारों ने उठाए सवाल, नगर निगम बोला– तय जगह पर नहीं जाना चाहते
दुर्ग के सबसे व्यस्ततम बाजार इंदिरा मार्केट में एक बार फिर नगर निगम की अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई ने रफ्तार पकड़ी। 28 जून की सुबह हुई कार्रवाई में दुकानों को हटाया गया, जिस पर व्यापारियों ने व्यवस्थापन नहीं मिलने का आरोप लगाया। वहीं नगर निगम का कहना है कि तय स्थान उपलब्ध कराने के बावजूद दुकानदार वहां शिफ्ट नहीं हो रहे हैं।
दुर्ग। शहर के इंदिरा मार्केट में एक बार फिर नगर निगम का बुलडोजर चला, जिससे फुटपाथ पर लगी दर्जनों दुकानों को हटाया गया। यह कार्रवाई अतिक्रमण हटाने की मुहिम के तहत की गई। निगम का दावा है कि प्रभावित दुकानदारों को वैकल्पिक स्थान दिखाया गया है, लेकिन वे वहां जाना नहीं चाहते। दूसरी ओर, व्यापारी वर्ग का आरोप है कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद उन्हें अब तक व्यवस्थित रूप से दुकानें नहीं दी गईं।
इंदिरा मार्केट में पहले भी दो महीने पूर्व अतिक्रमण हटाया गया था, लेकिन दुकानदारों ने दोबारा कब्जा कर लिया था। फल-सब्जी, कपड़े, जूते-चप्पल की दुकानें फिर से उसी जगह लगा ली गई थीं। 28 जून को नगर निगम ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में कार्रवाई की और फिर से अतिक्रमण हटाया। इस बार भी मौके पर मौजूद दुकानदारों ने विरोध करने की कोशिश नहीं की क्योंकि पुलिस फोर्स पहले से तैनात थी।
व्यापारियों की नाराजगी: प्रभावित दुकानदार प्रेमचंद जैन, जमाल खान और गुलाम मुर्शिद ने बताया कि 2010 से अब तक कई बार हमें हटाया गया, लेकिन समुचित व्यवस्थापन अब तक नहीं मिला। उन्होंने बताया कि 2018 में हाईकोर्ट ने व्यवस्थापन का आदेश दिया था, जिसे अब तक अमल में नहीं लाया गया।
नगर निगम के बाजार अधिकारी शुभम गोईर ने कहा कि दो महीने पूर्व की कार्रवाई के बाद फिर से अतिक्रमण हुआ, जिस पर यह कार्रवाई की गई। वहीं, निगम आयुक्त समित अग्रवाल ने कहा कि दुकानदारों के लिए वैकल्पिक स्थान तय कर दिखाया गया है, लेकिन वे वहां जाने को तैयार नहीं हैं। यदि वे सहमति दें, तो पुनः दुकानें आवंटित की जा सकती हैं। आयुक्त ने स्पष्ट किया कि अतिक्रमण मुक्त शहर, सुचारू ट्रैफिक व्यवस्था और सरकारी ज़मीन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह अभियान भविष्य में भी जारी रहेगा।