
- पूर्व आबकारी मंत्री के खिलाफ 1100 पन्नों का पूरक चालान पेश
- बेटे के लिए 1.4 करोड़ और खुद के लिए 2.24 करोड़ का बंगला खरीदा
- 2019 में बदली गई आबकारी नीति, चार साल में सिंडिकेट ने किया 2161 करोड़ का घोटाला
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने सोमवार को रायपुर की विशेष अदालत में चौथा पूरक चालान दायर करते हुए उनके खिलाफ ठोस सबूत पेश किए हैं। जांच में सामने आया है कि लखमा ने मंत्री रहते हुए 64 करोड़ रुपए की अवैध कमाई की, जिससे उन्होंने रियल एस्टेट में बड़े निवेश किए।
रायपुर। छत्तीसगढ़ में आबकारी घोटाले की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर 64 करोड़ रुपए की अवैध कमाई की। इस रकम का इस्तेमाल उन्होंने पुरैना में 2.24 करोड़ का बंगला और सुकमा में बेटे के लिए 1.4 करोड़ का मकान बनाने में किया। इसके साथ ही बहू-बेटियों और व्यापारियों के नाम पर 18 करोड़ का निवेश भी किया गया।
EOW द्वारा अदालत में दाखिल की गई 1100 पन्नों की चार्जशीट में बताया गया कि घोटाला 2019 से 2023 के बीच अंजाम दिया गया। इसी दौरान कवासी लखमा ने आबकारी नीति-2017 में बदलाव कर खुद को फायदा पहुंचाने की साजिश की।
जांच में यह भी सामने आया कि लखमा ने आईएएस अनिल टुटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर, और आईटीएस अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी के साथ मिलकर एक सिंडिकेट तैयार किया, जिसने चार सालों में 2161 करोड़ रुपए का घोटाला किया। इस रकम से लखमा ने न सिर्फ संपत्तियों में निवेश किया, बल्कि जगदलपुर में 4.1 करोड़ की सीमेंट फैक्ट्री को लीज पर भी लिया। अब तक इस मामले में चार चार्जशीट दाखिल की जा चुकी हैं और 13 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।