
सुबह 6 बजे तीन घरों और दफ्तरों पर एकसाथ छापे, भारी संख्या में CRPF तैनात; CGMSC के 660 करोड़ के घोटाले से जुड़ रहा कनेक्शन
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में आर्थिक अपराधों पर शिकंजा कसते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मोक्षित कॉर्पोरेशन के ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की है। यह छापेमारी राज्य के बहुचर्चित CGMSC घोटाले की जांच के तहत की जा रही है, जिसकी रकम 400 से 660 करोड़ रुपये तक आंकी गई है।
दुर्ग। दुर्ग जिले में बुधवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने मोक्षित कॉर्पोरेशन के कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई सुबह लगभग 6 बजे शुरू हुई, जब ईडी के दो दर्जन से अधिक अधिकारी CRPF जवानों के साथ फर्म से जुड़े तीन अलग-अलग आवासीय परिसरों और कार्यालय में दाखिल हुए।
सूत्रों के अनुसार, यह रेड छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन (CGMSC) में हुए करोड़ों रुपये के दवा और चिकित्सा उपकरण आपूर्ति घोटाले से जुड़ी हो सकती है। फर्म से जुड़े सिद्धार्थ चोपड़ा, शशांक चोपड़ा और शरद चोपड़ा के निवास स्थानों पर तलाशी ली जा रही है। उनके आवासों के बाहर भारी संख्या में सुरक्षा बल और ईडी की 6 से 7 गाड़ियाँ तैनात हैं।
मोक्षित कॉर्पोरेशन लंबे समय से विभिन्न सरकारी एजेंसियों को दवा और मेडिकल उपकरणों की आपूर्ति करती रही है। लगभग छह महीने पहले इस फर्म पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने भी छापे मारे थे, जिससे यह फर्म विवादों में आ गई थी। हालांकि ईडी की वर्तमान कार्रवाई का आधिकारिक कारण सामने नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि यह छापेमारी CGMSC घोटाले से प्रत्यक्ष रूप से संबंधित हो सकती है।
ईडी की टीम ने फर्म से जुड़े सभी दस्तावेजों, कंप्यूटर डाटा और लेन-देन संबंधी जानकारी को खंगालना शुरू कर दिया है। फिलहाल छापेमारी जारी है और आने वाले घंटों में और भी खुलासे होने की संभावना है।