
हिमालयी राज्यों में बादल फटने की घटनाएं, मैदानी इलाकों में बाढ़ से फसलें और बस्तियां तबाह; महाराष्ट्र में रेड अलर्ट जारी
कुछ दिनों की राहत के बाद मानसून ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है। देश के कई हिस्सों में बारिश और बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। महाराष्ट्र में रेड अलर्ट, उत्तर प्रदेश में दर्दनाक हादसा और मध्य प्रदेश में उफनती नदियां तबाही का सबब बनी हुई हैं।
नई दिल्ली (ए)। देशभर में मानसून एक बार फिर पूरी ताकत के साथ सक्रिय हो गया है। पहाड़ी राज्यों में बादल फटने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, वहीं मैदानी इलाकों में बाढ़ का पानी गांवों, खेतों और रिहायशी इलाकों को अपनी चपेट में ले रहा है।
महाराष्ट्र में मौसम विभाग ने मुंबई, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों सहित कोंकण-गोवा क्षेत्र में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। अचानक बाढ़ और भूस्खलन की आशंका जताई गई है। मुंबई और आसपास के इलाकों में कई जगह जलभराव से यातायात प्रभावित है।
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में बाढ़ के बीच दिल दहला देने वाली घटना हुई। मड़इया गांव में चारों ओर पानी फैला हुआ है। इसी बीच प्रसव पीड़ा से जूझ रही गर्भवती महिला को नाव से अस्पताल ले जाया जा रहा था। पति और आशा कार्यकर्ता उसे नाव पर लेकर निकले ही थे कि रास्ते में महिला ने दम तोड़ दिया। इधर, मध्य प्रदेश के कई जिले भी बाढ़ की चपेट में हैं। बड़वानी के राजपुर में नदी-नाले उफान पर हैं। यहां नगर पालिका उपाध्यक्ष की कार नदी में बह गई। राज्य में सामान्य बारिश का औसत 939.8 मिमी है, जबकि अब तक 787.4 मिमी वर्षा दर्ज हो चुकी है।