
यमुना का जलस्तर खतरे की सीमा पार करने की आशंका, निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील।
दिल्ली और हरियाणा के कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने और लगातार बारिश के कारण यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। प्रशासन अलर्ट मोड पर है और प्रभावित इलाकों में राहत-बचाव दल तैनात कर दिए गए हैं। आने वाले 30 घंटे हालात तय करने में निर्णायक होंगे।
नई दिल्ली (ए)। राष्ट्रीय राजधानी और हरियाणा के कई जिलों के लिए बाढ़ की गंभीर चेतावनी जारी कर दी गई है। बीते दिनों से हो रही लगातार बारिश और हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए अतिरिक्त पानी के चलते यमुना नदी उफान पर है। सिंचाई विभाग ने बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए हैं, जिससे 1.78 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसे ‘मध्यम बाढ़’ की श्रेणी में रखा गया है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, बैराज से छोड़ा गया पानी अगले कुछ घंटों में निचले इलाकों में पहुंचकर हालात बिगाड़ सकता है। हरियाणा के यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। वहीं दिल्ली में मजनू का टीला, यमुना बाजार, उस्मानपुर और आईटीओ के आसपास के क्षेत्र जलमग्न होने की आशंका है। केंद्रीय जल आयोग ने चेतावनी दी है कि 19 अगस्त की रात तक यमुना का जलस्तर 206 मीटर से ऊपर जा सकता है, जो खतरे की सीमा को पार कर जाएगा।
हरियाणा और हिमाचल को जोड़ने वाला धनौरा पुल भी बाढ़ की चपेट में आ गया। यहां पानी का स्तर 24,000 क्यूसेक तक पहुंच गया, जबकि खतरे की निशान 10,000 क्यूसेक है। इससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है।
प्रशासन ने राहत और बचाव दलों को तैनात कर दिया है। संवेदनशील इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है और लोगों से ऊंचाई वाले सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले 30 घंटे बेहद अहम हैं। अगर बारिश का सिलसिला जारी रहा तो दिल्ली और आसपास के इलाकों में बाढ़ से यातायात, पेयजल और बिजली आपूर्ति जैसी बुनियादी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं।
लोगों से अपील की गई है कि वे निचले इलाकों से तत्काल बाहर निकलें, अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासन द्वारा जारी एडवाइजरी पर नजर बनाए रखें।