
मास्टर राइट्स एग्रीमेंट पर मतभेद से ठप पड़ा इंडियन सुपर लीग सीजन, 11 क्लब बंद होने की कगार पर
भारतीय फुटबॉल के सबसे बड़े टूर्नामेंट इंडियन सुपर लीग (ISL) का भविष्य अधर में लटक गया है। ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) और फुटबॉल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड (FSDL) के बीच मास्टर राइट्स एग्रीमेंट (MRA) को लेकर विवाद बढ़ गया है। इसी मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को आपसी बातचीत कर 28 अगस्त तक समाधान निकालने का निर्देश दिया है।
नई दिल्ली (ए)। भारतीय फुटबॉल की साख पर सवाल खड़ा हो गया है क्योंकि इंडियन सुपर लीग (ISL) का नया सीजन विवाद के कारण शुरू ही नहीं हो पाया। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान AIFF और FSDL को सख्त निर्देश दिया कि वे आपसी मतभेद दूर कर 28 अगस्त तक हल निकालें। कोर्ट ने साफ किया कि यह मामला सिर्फ लीग का नहीं, बल्कि देश में फुटबॉल के विकास से जुड़ा है।
दरअसल, AIFF और FSDL के बीच 2010 में हुए 15 साल के मास्टर राइट्स एग्रीमेंट की अवधि खत्म हो चुकी है। इस समझौते के तहत FSDL हर साल AIFF को 50 करोड़ रुपए देता रहा और बदले में ISL समेत भारतीय फुटबॉल के प्रसारण, प्रबंधन और प्रमोशन के अधिकार उसके पास रहे। अब नया एग्रीमेंट न होने की वजह से ISL 2025-26 सीजन रोक दिया गया है।
इस विवाद से 11 ISL क्लबों की स्थिति बेहद खराब हो गई है। बेंगलुरु FC, हैदराबाद FC, ओडिशा FC, चेन्नईयिन FC, जमशेदपुर FC, FC गोवा, केरल ब्लास्टर्स FC, पंजाब FC, नॉर्थईस्ट यूनाइटेड FC, मुंबई सिटी FC और मोहम्मडन स्पोर्टिंग ने AIFF को लिखकर चेतावनी दी है कि अगर संकट जल्द नहीं सुलझा तो वे पूरी तरह बंद हो सकते हैं।
क्लबों का कहना है कि पिछले 11 वर्षों में उन्होंने युवा खिलाड़ियों के लिए अकादमियां बनाई हैं, ट्रेनिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय फुटबॉल की छवि मजबूत की है। लेकिन मौजूदा रुकावट ने संचालन ठप कर दिया है और उनका अस्तित्व खतरे में डाल दिया है।