
- ब्राम्हणपारा वार्ड में दो दिन तक रोबोट से जांच हुई
- पाइपलाइन में माइनर स्लोप और ऊपर-नीचे कनेक्शन पाए गए
- कैमरा और सेंसर से 9 घंटे तक प्रेशर, लीकेज, डायामीटर की टेस्टिंग
- रिपोर्ट के आधार पर तय होगा कंपनी को आगे काम मिलेगा या नहीं
नगर निगम ने पहली बार सेंसर और कैमरा युक्त रोबोटिक मशीन का उपयोग कर पानी की सप्लाई लाइन की जांच की। ब्राम्हणपारा वार्ड के अलग-अलग इलाकों में दो दिन तक रोबोट ने पाइपलाइन के अंदर 9 घंटे तक प्रेशर, लीकेज और स्ट्रक्चर की टेस्टिंग की। शुरुआती जांच में पाइपलाइन में स्लोप और कनेक्शन की गड़बड़ियां सामने आईं। अब कंपनी अपनी विस्तृत रिपोर्ट निगम को सौंपेगी।
रायपुर। ब्राम्हणपारा वार्ड में लंबे समय से चली आ रही पानी की किल्लत दूर करने के लिए नगर निगम ने तकनीकी प्रयोग किया है। चेन्नई की सोना लाइट कंपनी की रोबोटिक मशीन ने सोमवार और मंगलवार को सप्लाई पाइपलाइन के अंदर जाकर जांच की।
कैमरा और सेंसर से लैस इस रोबोट ने 9 घंटे तक पाइपलाइन के अंदरूनी हिस्सों की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की। कंपनी के फील्ड सर्विस एसोसिएट समीर कुमार ने बताया कि टेस्टिंग के दौरान यह सामने आया कि कई जगह पाइपलाइन का स्लोप गड़बड़ है और कनेक्शन ऊपर-नीचे हैं। हालांकि मेजर खराबी फिलहाल नहीं मिली।
नगर निगम जल विभाग के कार्यपालन अभियंता नरसिंग फरेंद्र ने कहा कि कंपनी अब अपनी ऑनलाइन और ऑफलाइन रिपोर्ट सौंपेगी। उसी रिपोर्ट के आधार पर तय होगा कि आगे का काम इसी कंपनी को दिया जाएगा या किसी दूसरी एजेंसी को मौका मिलेगा।
कैसे काम करता है रोबोट
यह मशीन ड्रेनेज या वाटर सप्लाई पाइपलाइन में डाली जाती है। हाई-डेफिनिशन कैमरे पाइपलाइन का लाइव वीडियो दिखाते हैं। सेंसर पानी के दबाव, लीकेज और पाइप की मोटाई का डेटा रिकॉर्ड करते हैं। 360° कैमरा और अल्ट्रासोनिक स्कैनर पाइपलाइन के अंदर हर कोने की जांच करते हैं। डेटा तुरंत स्क्रीन पर भी दिखाई देता है और रिपोर्ट के रूप में भी सुरक्षित होता है।
नगर निगम का मानना है कि यह तकनीक लंबे समय से पानी की समस्या झेल रहे ब्राम्हणपारा, धोबीपारा, पंचपथ पारा और अन्य इलाकों की परेशानी दूर करने में कारगर साबित हो सकती है।