
“जंजीरें, तिरंगा और भारत माता के साथ निकाली रैली, सरकार से समायोजन की मांग—न मिलने पर आंदोलन और उग्र करने की चेतावनी”
शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के किरदार में ढले शिक्षकों की लंबी कतारें जब रायपुर की सड़कों पर निकलीं, तो हर कोई ठिठक गया। हाथों में जंजीरें, कैदी के कपड़े, भारत माता तिरंगा लिए चलती नजर आईं और सड़कों पर गूंज उठी नौकरी की गुहार। ये नजारा था प्रदेश के बर्खास्त B.Ed प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों की रैली का, जो समायोजन की मांग को लेकर एक बार फिर सड़क पर हैं। सरकार से कई बार बातचीत और आश्वासन के बाद भी जब कोई हल नहीं निकला, तो शिक्षकों ने अब आंदोलन को और तेज करने का एलान कर दिया है।
रायपुर। रायपुर में प्रदेश के हजारों B.Ed प्रशिक्षित सहायक शिक्षक एक बार फिर अनोखे अंदाज में अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे। भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की वेशभूषा में रैली निकालकर उन्होंने सरकार को संदेश दिया कि अब अगर उन्हें नजरअंदाज किया गया, तो उनका आंदोलन और उग्र होगा।
रैली में भारत माता तिरंगा थामे सबसे आगे चल रही थीं, और पीछे हजारों शिक्षक हाथों में जंजीर पहनकर कैदियों जैसी वेशभूषा में नजर आए। रैली रायपुर बस स्टैंड से शुरू होकर शहीद भगत सिंह की प्रतिमा तक पहुंची, जहां उन्होंने शहीदों को नमन किया।
शिक्षकों का कहना है कि उन्हें B.Ed योग्यता के आधार पर सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्त किया गया था, लेकिन बाद में सरकार ने उन्हें अयोग्य ठहराकर बर्खास्त कर दिया। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार राज्य सरकार चाहें तो उन्हें अन्य पदों पर समायोजित कर सकती है, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ है। इस आंदोलन का दूसरा चरण 8 मार्च से शुरू हुआ है, जहां रायपुर के तूता धरना स्थल पर 2,897 बर्खास्त शिक्षक लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने खून से लिखा पत्र मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को भेजकर समायोजन की अपील की है। आंदोलन से जुड़े पदाधिकारियों ने कहा कि अब तक केवल आश्वासन मिले हैं, ठोस निर्णय नहीं। यदि सरकार जल्दी समाधान नहीं करती, तो आंदोलन बड़े स्तर पर होगा और इसका असर आगामी चुनावी माहौल पर भी दिखेगा।