
हाथ-पैर में दर्द, सूजन और ब्लड फ्लो की कमी हो सकती है शुरुआती संकेत, समय रहते सतर्क रहें
भारत में स्मोकिंग और तंबाकू सेवन के बढ़ते मामलों के चलते एक खतरनाक और कम सुनी गई बीमारी—बरगर डिजीज—तेजी से फैल रही है। यह बीमारी शरीर की ब्लड वेसल्स को प्रभावित करती है और गंभीर स्थिति में अंग कटवाने तक की नौबत आ सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत जैसे देशों में इसके मामले पश्चिमी देशों की तुलना में कहीं ज्यादा पाए जा रहे हैं।
बरगर डिजीज, जिसे मेडिकल भाषा में थ्रॉम्बोएंजाइटिस ओब्लिटेरेंस कहा जाता है, एक रेयर लेकिन गंभीर बीमारी है। यह बीमारी मुख्य रूप से उन लोगों में देखी जाती है जो लंबे समय तक सिगरेट या किसी भी प्रकार के तंबाकू का सेवन करते हैं।
इस बीमारी में शरीर के हाथों और पैरों की ब्लड वेसल्स सिकुड़ने लगती हैं, जिससे ब्लड का प्रवाह रुक जाता है। इसका नतीजा यह होता है कि संबंधित हिस्सों में दर्द, सूजन, सुन्नता और धीरे-धीरे गैंगरीन जैसे हालात पैदा हो सकते हैं।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD) के लगभग 45-60% मामलों में बरगर डिजीज पाई जाती है। इसके पीछे मुख्य कारण भारत में तंबाकू और सिगरेट का अधिक सेवन है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो भारत में 15 वर्ष और उससे ऊपर की उम्र के लगभग 25 करोड़ लोग तंबाकू का सेवन करते हैं। यही कारण है कि देश में इस बीमारी का जोखिम बहुत अधिक है।
लक्षण क्या हैं?
- हाथ या पैरों में तेज और लगातार दर्द
- आराम करते समय दर्द और जलन बढ़ जाना
- उंगलियों में सुन्नपन या जलन
- चलने में कठिनाई, मांसपेशियों में थकान
- त्वचा का रंग बदलना या जख्म भरने में देरी होना
कैसे बचा जा सकता है?
बरगर डिजीज से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है—स्मोकिंग और तंबाकू से पूरी तरह दूरी बनाना।
इसके अलावा हेल्दी लाइफस्टाइल, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम भी इस बीमारी से लड़ने में सहायक हो सकते हैं। अगर हाथ-पैर में दर्द या ब्लड फ्लो की दिक्कत महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।