
विशेषज्ञ बोले: “स्ट्रीट फूड और कटे फल भी हैं खतरनाक”; जानिए कैसी हो बारिश के मौसम की आदर्श डाइट
हेल्थ (डेस्क)। मानसून में नमी और गर्मी के कारण बैक्टीरिया-फंगस तेजी से पनपते हैं, जिससे डायरिया, फूड पॉइजनिंग और टाइफाइड का खतरा बढ़ जाता है। एसआर कल्ला मेमोरियल हॉस्पिटल के सीनियर गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. मुकेश कल्ला के अनुसार, इस मौसम में पाचन तंत्र संवेदनशील हो जाता है। ऐसे में कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज जरूरी है:
किन चीजों से करें परहेज?
जोखिम भरी सब्जियाँ:
- पत्तेदार सब्जियाँ (पालक, मेथी): इनकी सतह पर मिट्टी-बैक्टीरिया चिपके रहते हैं।
- बैंगन व मशरूम: नमी में जल्दी सड़ने लगते हैं, फंगल इन्फेक्शन का खतरा।
- कटी हुई सब्जियाँ: बाजार में खुले में रखी हुईं।
अन्य खतरनाक आहार:
- स्ट्रीट फूड: चाट-पकौड़े बारिश के पानी और गंदगी के संपर्क में आ सकते हैं।
- दूध से बनी मिठाइयाँ: नमी में जल्दी खराब होती हैं।
- कटे फल: बैक्टीरिया पनपने का अधिक जोखिम।
डॉ. कल्ला की सलाह: क्या खाएँ?
- सुरक्षित विकल्प: लौकी, तोरी, करेला जैसी हल्की सब्जियाँ।
- घर का बना भोजन: ताजा पकाया हुआ खाना ही खाएँ।
- मसाले: अदरक, हल्दी, काली मिर्च पाचन बढ़ाते हैं।
- पानी उबालकर पिएँ, बाहर का आइसक्यूब न लें।
“इन्फेक्शन से बचाव के लिए सब्जियों को गर्म पानी में नमक डालकर धोएँ। कच्ची सलाद की जगह उबली हुई सब्जियाँ खाएँ।”
– डॉ. मुकेश कल्ला
समझें क्यों बढ़ता है खतरा?
- नमी में बैक्टीरिया की ग्रोथ 3 गुना तेज हो जाती है।
- बारिश के पानी से खाद्य पदार्थ दूषित हो सकते हैं।
- कमजोर पाचन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घटाता है।
आपातकालीन स्थिति में क्या करें?
- लक्षण: उल्टी, बुखार, लगातार दस्त।
- तुरंत उपाय: ओआरएस का घोल पिएँ, डॉक्टर से संपर्क करें।
- न खाएँ: डेयरी उत्पाद, तला भोजन।