
- 6720 सीटों के लिए पिछले साल आए थे 3 लाख आवेदन
- B.Ed करने वालों को शिक्षक भर्ती में नहीं मिल पा रहा मौका
- D.El.Ed के लिए आवेदन 25 अप्रैल तक, परीक्षा 22 मई को
- प्राथमिक स्कूलों में भर्ती बढ़ने से डीएलएड की डिमांड हाई
- बीएड की तुलना में डीएलएड कोर्स अब बन रहा स्मार्ट चॉइस
छत्तीसगढ़ में शिक्षक बनने की राह बदल गई है। जहां पहले बीएड को पहली पसंद माना जाता था, अब छात्र डीएलएड को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं। पिछले साल आंकड़े चौंकाने वाले रहे—6720 सीटों के लिए आए 3 लाख आवेदन ये बताने के लिए काफी हैं कि बदलाव की हवा चल रही है। इसका सीधा असर 2025 के एडमिशन ट्रेंड पर भी दिख रहा है।
रायपुर। राज्य में डीएलएड की बढ़ती मांग को देखते हुए कई निजी संस्थानों ने इस कोर्स में सीटें बढ़ाने की मांग राज्य सरकार से की है। साथ ही कुछ नए संस्थान भी एनसीटीई से मान्यता प्राप्त कर कोर्स शुरू करने की प्रक्रिया में हैं।
B.Ed छात्र हुए निराश:
बीएड कोर्स पूरा कर चुके हजारों युवाओं ने सरकार की नीति पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि जब कोर्स शुरू हुआ था तब बीएड भी मान्य था, लेकिन भर्ती प्रक्रिया में बार-बार नियम बदलने से उनका भविष्य अधर में लटक गया है।
D.El.Ed में फिर रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी: 2025 में डीएलएड की परीक्षा के लिए अब तक एक लाख से अधिक आवेदन हो चुके हैं और आखिरी तारीख आते-आते यह संख्या 3.5 लाख तक पहुंचने की संभावना है।
विशेषज्ञों की राय: शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि प्राथमिक स्कूलों में भर्तियों की संख्या ज्यादा होने और डीएलएड के कोर्स की अवधि दो साल की होने के कारण युवा इसे एक बेहतर विकल्प मान रहे हैं।