
-
पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की सुरक्षा विफलता पर उठाए सवाल
-
झीरम कांड की याद दिलाने वाला हमला, इंटेलिजेंस फेलियर पर भी तंज
-
“धर्म पूछकर हत्या” पर राजनीति करने का भाजपा पर आरोप
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की तुलना झीरम घाटी हमले से करते हुए केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि दोनों ही घटनाएं सुरक्षा चूक का नतीजा हैं और दोनों में निर्दोषों को पहचान पूछकर मारा गया।
भिलाई। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहलगाम हमले को लेकर केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह हमला ठीक वैसा ही है जैसा 2013 में बस्तर की झीरम घाटी में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हुआ था। बघेल ने कहा, “पहलगाम की तरह झीरम में भी नाम पूछकर हत्या की गई, सुरक्षा नदारद थी और सरकार विफल रही।”
भूपेश ने कहा, “यह हमला न सिर्फ 27 परिवारों को उजाड़ गया, बल्कि पूरे देश को शोक में डुबो गया है। कांग्रेस ने इस अमानवीय कृत्य की निंदा करते हुए विरोध प्रस्ताव पारित किया है।” उन्होंने आरोप लगाया कि हमलावरों ने धर्म पूछकर हत्याएं कीं, कुछ को कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया गया, जबकि स्थानीय लोगों और घोड़ा चालकों ने जान पर खेलकर पर्यटकों को बचाया।
भूपेश ने पूछा, “हमले के समय सुरक्षाबल कहां थे? क्यों समय पर सहायता नहीं पहुंची? इंटेलिजेंस फेलियर का जिम्मेदार कौन है?”
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने इस हमले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की और ‘धर्म पूछकर मारा’ को प्रचार का मुख्य मुद्दा बना दिया। जबकि इस समय एकजुटता और सुरक्षा की समीक्षा जरूरी है। झीरम घाटी हमले की याद दिलाते हुए बघेल ने कहा कि 25 मई 2013 को नक्सलियों ने कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की हत्या कर दी थी। उस मामले में भी एनआईए ने चार्जशीट दाखिल की थी, लेकिन जांच आगे नहीं बढ़ी। इधर, देश में हालात को देखते हुए 25 अप्रैल को भिलाई कोसानाला बौद्ध भूमि में होने वाली ‘संविधान बचाओ रैली’ को स्थगित कर दिया गया है।