
- कर्रेगट्टा की पहाड़ियों में 5,000 फीट की ऊंचाई पर डेरा जमाए बैठे हैं 2000 से अधिक नक्सली
- 8,000 जवानों की संयुक्त कार्रवाई से घबराकर नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी किया
- सरकार से कहा- अभियान रोको, वार्ता के लिए तैयार हैं
छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र बॉर्डर पर स्थित कर्रेगट्टा की ऊँचाईयों में छिपे नक्सलियों पर चल रहे सबसे बड़े संयुक्त सुरक्षा अभियान से नक्सली बुरी तरह घबरा गए हैं। हालात यह हैं कि उन्होंने खुद को बचाने के लिए सरकार से शांति वार्ता की अपील कर डाली है।
जगदलपुर | देश की तीन सीमाओं पर फैली कर्रेगट्टा की पहाड़ियों में चल रहा सुरक्षा बलों का अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन नक्सलियों के लिए सिरदर्द बन गया है। करीब 5000 फीट ऊंची पहाड़ियों में 44 डिग्री की गर्मी और कम ऑक्सीजन के बीच फोर्स का अभियान जारी है। इसी क्षेत्र में माओवादी नेता हिड़मा, दामोदर, देवा सहित 2000 से अधिक नक्सलियों का डेरा है।
छत्तीसगढ़ और तेलंगाना पुलिस के संयुक्त 5 से 8 हजार जवानों के ऑपरेशन ने नक्सलियों की रणनीति को झकझोर दिया है। जंगलों में जारी इस कड़ी घेराबंदी से परेशान होकर माओवादियों ने एक बार फिर प्रेस नोट जारी कर सरकार से अपील की है कि “यह सैन्य अभियान रोका जाए और शांति वार्ता के रास्ते पर चला जाए।” नक्सलियों का दावा है कि उनकी केंद्रीय कमेटी ने पहले भी पत्र भेजकर वार्ता का प्रस्ताव रखा था, लेकिन सरकार दमन का रास्ता अपना रही है।
अब तक मारे गए 6 नक्सली:
फोर्स की रुक-रुक कर हुई कार्रवाई में अब तक 6 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है, जिनमें 3 महिला नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। साथ ही बड़ी मात्रा में हथियार और बारूद भी जब्त किए गए हैं।
पैदल ही पहाड़ों में चल रही है फोर्स:
घना जंगल, उबड़-खाबड़ रास्ते और ऊंचाई के चलते फोर्स को पिछले 4 दिनों से लगातार पैदल अभियान चलाना पड़ रहा है। सुरक्षा बल नक्सलियों के कोर एरिया की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं, परन्तु पूरी सफाई अभियान में अभी कुछ और दिन लग सकते हैं।