
पहलगाम हमले पर गुस्से में दिखे प्रधानमंत्री, बोले– आतंकियों को कल्पना से भी बड़ी सज़ा मिलेगी; पंचायती राज दिवस पर बिहार को दी विकास की सौगातें
बिहार के मधुबनी में पंचायती राज दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां गांवों के विकास की योजनाएं साझा कीं, वहीं पहलगाम आतंकी हमले पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आतंकियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अब उन्हें मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है और भारत की आत्मा आतंकवाद से कभी नहीं झुकेगी।
मधुबन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मधुबनी में आयोजित पंचायती राज कार्यक्रम में आतंकियों को सख्त संदेश देते हुए कहा कि पहलगाम हमले में दोषियों को सज़ा अवश्य मिलेगी, और वह सज़ा ऐसी होगी जिसकी वे कल्पना भी नहीं कर सकते।
मोदी ने कहा, “हम आतंक के उन दुश्मनों को धरती के अंतिम छोर तक ढूंढ निकालेंगे। भारत की आत्मा को आतंक से कभी दबाया नहीं जा सकता।” उन्होंने दुनिया को यह भी बताया कि भारत की इस लड़ाई में मानवता में विश्वास रखने वाला हर देश भारत के साथ खड़ा है।
प्रधानमंत्री ने मंच से अंग्रेज़ी में भी संदेश दिया:
“We will chase them to the last corner of the earth. India’s soul will never bow down to terrorism. Justice will be done.”
कार्यक्रम की शुरुआत में PM मोदी ने मंच से पहलगाम हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी और सभी से अपने स्थान पर खड़े होकर मौन रखने का आग्रह किया।
🏗️ विकास की योजनाएं – गांव से राष्ट्र निर्माण की दिशा में:
प्रधानमंत्री ने पंचायतों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने, महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने, और ग्रामीणों के लिए आवास, बिजली, पानी, और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए किए गए कदमों को विस्तार से रखा:
- 2 लाख से ज्यादा पंचायतें इंटरनेट से जुड़ीं
- 5.5 लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर
- ज़मीन विवादों के समाधान के लिए डिजिटल रिकार्ड
- 4 करोड़ से अधिक गरीबों को पक्के मकान, 3 करोड़ और निर्माणाधीन
- 12 करोड़ घरों तक नल से जल
- 800+ जन औषधि केंद्र बिहार में
- 1,000 करोड़ की मदद जीविका दीदियों को
- बाढ़ राहत हेतु बूढ़ी गंडक और कोसी पर 11,000 करोड़ की परियोजना
मिथिला के लिए विशेष घोषणाएं:
मोदी ने मखाना उद्योग को लेकर भी बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि मखाने को GI टैग मिलना मिथिला की सांस्कृतिक और आर्थिक पहचान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देने जैसा है। मखाना बोर्ड के गठन से किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।