
रायपुर पहुंची जांच टीम ने शोक संतप्त परिजनों से बातचीत की, सेंट्रल एजेंसी को सौंपेगी घटना से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले की तह तक पहुंचने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने देशभर में प्रभावित परिवारों से पूछताछ शुरू कर दी है। रायपुर निवासी दिवंगत व्यापारी दिनेश मिरानिया के परिजनों से टीम ने मुलाकात कर हमले के समय की स्थितियों की जानकारी जुटाई।
रायपुर। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कार्रवाई तेज कर दी है। इस हमले में रायपुर निवासी व्यापारी दिनेश मिरानिया की हत्या के बाद एजेंसी की टीम रायपुर पहुंची और समता कॉलोनी स्थित उनके आवास पर परिजनों से मुलाकात की।
करीब 3-4 पुरुष अधिकारियों और 1-2 महिला अधिकारियों की यह टीम DSP स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में पहुंची। टीम ने मिरानिया के परिवार के सदस्यों, विशेषकर उनके बेटे शौर्य से विस्तार से बातचीत की। शौर्य ने हमले के वक्त की स्थिति, स्थान, और मौजूद लोगों की जानकारी दी। पत्नी से भी कुछ प्राथमिक सवाल पूछे गए।
दिनेश मिरानिया की बेटी लक्षिता इस हमले की चश्मदीद गवाह हैं। उन्होंने देखा कि कैसे आतंकियों ने पिता को कलमा पढ़ने को कहा और न कह पाने पर गोली मार दी। टीम ने लक्षिता से फिलहाल कोई सवाल नहीं किया, उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए पूछताछ टाल दी गई। अधिकारियों ने परिजनों से कहा कि यदि कोई और जानकारी याद आए तो वे उनसे संपर्क करें। बताया गया है कि इस तरह की पूछताछ देश के अन्य हिस्सों में भी की जा रही है। शुक्रवार को पुणे में एक अन्य पीड़ित परिवार से भी एनआईए ने मुलाकात की। एजेंसी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि हमले से जुड़ी हर छोटी-बड़ी कड़ी को जोड़ा जा सके।
NIA का रीजनल ऑफिस रायपुर में स्थित है और यहीं से यह टीम जानकारी जुटाकर सेंट्रल जांच यूनिट को सौंपेगी। चूंकि इस हमले में छत्तीसगढ़ का निवासी भी शिकार हुआ, इसलिए यहां की सूचना को अत्यंत गंभीरता से लिया जा रहा है। इसी दिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी पीड़ित परिवार से मिलने उनके घर पहुंचे। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से इंटेलिजेंस फेलियर है और इस पर जवाबदेही तय होनी चाहिए। उनका कहना था कि केंद्र शासित प्रदेश होने के कारण सुरक्षा की जिम्मेदारी गृह मंत्रालय की थी, फिर भी वहां एक भी जवान तैनात नहीं था।
इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन टीआरएफ (The Resistance Front) ने ली है। हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय व्यक्ति को निर्ममता से गोली मारी गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आतंकियों ने पीड़ितों से पूछा कि क्या वे ‘कलमा’ पढ़ सकते हैं, और न पढ़ पाने पर उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी, जिसे NIA के नाम से जाना जाता है, देश में आतंकी गतिविधियों की जांच और कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार द्वारा विशेष अधिकारों से सुसज्जित संस्था है। इसका गठन 31 दिसंबर 2008 को किया गया था और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है, जबकि रायपुर सहित देश के कई प्रमुख शहरों में इसकी शाखाएं सक्रिय हैं।