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उप मुख्यमंत्री अरुण साव के निर्देश पर पीएचई विभाग ने बढ़ाई रफ्तार
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जल संकट से निपटने के लिए प्रभावित क्षेत्रों पर रखी जा रही सतत निगरानी
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ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ पेयजल पहुंचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
छत्तीसगढ़ में भीषण गर्मी के बीच जल संकट से राहत दिलाने के लिए सरकार ने त्वरित कदम उठाए हैं। उप मुख्यमंत्री एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री अरुण साव के निर्देश पर विधायकों द्वारा भेजे गए नलकूप खनन और हैंडपंप स्थापना के 500 प्रस्तावों पर प्राथमिकता के साथ कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही जल स्तर गिरने से प्रभावित इलाकों में भी सतत निगरानी और वैकल्पिक व्यवस्था की तैयारी जारी है।
रायपुर। राज्य में भीषण गर्मी और गिरते भू-जल स्तर को देखते हुए उप मुख्यमंत्री तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री अरुण साव ने त्वरित कार्यवाही के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख अभियंता को विधायकों से प्राप्त नलकूप खनन और हैंडपंप स्थापना के प्रस्तावों पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए विशेष निर्देश दिए हैं।
उप मुख्यमंत्री के निर्देशों के पालन में पीएचई विभाग ने विधायकों द्वारा भेजे गए 500 प्रस्तावों को प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृत करते हुए प्रदेश भर में नलकूप खनन और हैंडपंप स्थापना का कार्य शुरू कर दिया है।
श्री साव ने यह भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ और पर्याप्त पेयजल की उपलब्धता राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने भू-जल स्तर गिरने से प्रभावित विकासखंडों के सभी जल स्रोतों पर नियमित निगरानी रखने और आवश्यकतानुसार वैकल्पिक पेयजल व्यवस्था तैयार रखने के आदेश दिए हैं। इसके अतिरिक्त, उप मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के टोल-फ्री नंबर 1800-233-0008 पर प्राप्त पेयजल संबंधी शिकायतों का शीघ्र निराकरण सुनिश्चित करने को कहा है।
श्री साव स्वयं भी लगातार ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर जनसंपर्क के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन गांवों में जल स्तर गिरने से पेयजल संकट उत्पन्न हो रहा है, वहां शीघ्र आवश्यक उपाय कर लोगों को राहत दी जाएगी।