
- भारत ने इजरायली हार्पी ड्रोन से किया हमला
- पाक का दावा- 25 ड्रोन गिराए, 4 सैनिक घायल
- पाक रक्षा मंत्री बोले- सैन्य ठिकानों को ही बनाया जाएगा निशाना
- लाहौर और मियानो में धमाकों से दहशत, एक की मौत
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर है। बीते 24 घंटे में पाकिस्तान के नौ शहरों में ड्रोन हमले हुए हैं, जिनमें लाहौर, कराची और रावलपिंडी शामिल हैं। भारत ने इजरायली हार्पी ड्रोन से हमला कर पाकिस्तान के तीन शहरों में तैनात एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया है। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने 25 ड्रोन मार गिराने का दावा किया है।
नई दिल्ली (ए)। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव ने एक नई दिशा ले ली है। 8 मई की सुबह पाकिस्तान के नौ शहरों—लाहौर, कराची, रावलपिंडी, गुजरांवाला, चकवाल, मियानो और चोर सहित—ड्रोन हमलों की चपेट में आए। भारतीय सैन्य सूत्रों के अनुसार, भारत ने इजरायल से प्राप्त हार्पी ड्रोन के ज़रिए पाकिस्तान के तीन अहम शहरों में स्थापित HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम को सफलतापूर्वक निशाना बनाकर नष्ट कर दिया है।
HQ-9 प्रणाली, जिसे चीन से प्राप्त किया गया था, लंबी दूरी तक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है। यह विमान और क्रूज मिसाइलों को रोकने के लिए तैयार की गई है।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने बताया कि पाक सेना ने हमले के दौरान भारत के कम से कम 25 ड्रोन मार गिराए हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि एक ड्रोन अपना निशाना साधने में कामयाब रहा, जिससे लाहौर में 4 सैनिक घायल हुए और मियानो में एक नागरिक की मौत हुई। इस बीच, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने स्पष्ट किया कि यदि संघर्ष आगे बढ़ता है, तो पाकिस्तान केवल भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाएगा। उन्होंने भारत पर लगे पांच लड़ाकू विमानों को गिराने के दावे पर कोई ठोस सबूत नहीं दिया।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संसद और टेलीविजन के ज़रिए देश को संबोधित करते हुए कहा, “भारत को हर एक कतरे का हिसाब देना होगा।” उन्होंने सेना की सराहना करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने भारत को तुरंत और प्रभावी जवाब दिया है।
CNN से बात करते हुए एक पाकिस्तानी अधिकारी ने यह भी दावा किया कि 7 मई की रात को दोनों देशों के कुल 125 लड़ाकू विमानों के बीच एक घंटे तक हवा में जंग चली, जिसे हालिया इतिहास की सबसे बड़ी हवाई मुठभेड़ बताया जा रहा है। इस घटनाक्रम ने दोनों परमाणु शक्तियों के बीच हालात को बेहद गंभीर बना दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है।