
मानव दिवस घटाने पर भाजपा सरकार पर बरसे कांग्रेस नेता, बोले- “यह मजदूरों की रोटी पर सीधा हमला”
मनरेगा योजना में हो रही भारी कटौती के खिलाफ शुक्रवार को दुर्ग में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। कलेक्ट्रेट के बाहर हुए इस प्रदर्शन में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। कांग्रेस नेताओं ने इसे ग्रामीण मजदूरों की रोजी-रोटी से खिलवाड़ बताया और सरकार से तत्काल सुधार की मांग की।
दुर्ग, 16 मई | महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में केंद्र सरकार द्वारा लगातार किए जा रहे बजटीय और कार्य दिवसों में कटौती को लेकर शुक्रवार को दुर्ग में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेंद्र ठाकुर के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट के बाहर जोरदार प्रदर्शन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।
सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मनरेगा मजदूरों की दयनीय हालत पर चिंता जताई।
इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को कलेक्ट्रेट भवन की ओर बढ़ने से रोकने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी, जिसमें बैरिकेडिंग और सीमेंट ब्लॉकों का इस्तेमाल किया गया। यही नहीं, प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जोरदार धक्का-मुक्की और झड़प भी हुई।
कांग्रेस का आरोप: मनरेगा में भारी कटौती, मजदूर बेहाल
कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेंद्र ठाकुर ने बताया कि कांग्रेस शासनकाल में 42 लाख मानव दिवस सृजित किए गए थे, लेकिन भाजपा सरकार के कार्यकाल में यह संख्या 2024-25 में घटकर 32 लाख और अब 2025-26 में महज 18 लाख रह गई है। उन्होंने इसे सिर्फ आंकड़ों की कटौती नहीं, बल्कि गांव-गरीब की आजीविका पर सीधा हमला बताया। उनका दावा है कि जिले में करीब डेढ़ लाख सक्रिय मनरेगा मजदूर हैं, लेकिन अब महज 10,000 को ही काम मिल पा रहा है, जिससे लोग दूसरे राज्यों की ओर पलायन को मजबूर हो रहे हैं।
पूर्व विधायक अरुण वोरा का बयान:
“भाजपा सरकार को मनरेगा का बजट तत्काल बहाल करना चाहिए। ग्रामीण मजदूरों की हालात बेहद चिंताजनक है, सरकार को संवेदनशीलता दिखानी होगी।”
🏛️ प्रशासन का पक्ष:
दुर्ग एसडीएम हितेश वाधवानी ने बताया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए प्रदर्शन के संबंध में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की सोमवार को अधिकारियों से चर्चा होगी और उस आधार पर एक प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा।